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ताऊ के लड़के से चुदवाकर ख़ुद को शांत किया ( Brother Sister Porn Story )

Brother Sister Porn Story में मैं आपके सामने अपने दिल की बात कह रही हूँ। मेरा नाम शालिनी है, और मैं एक ऐसी लड़की हूँ जिसे देखकर लड़के खुश हो जाते हैं। हर कोई मेरी कातिल जवानी और सुंदरता की तारीफ करता है। मेरे बदन में इतनी आग है कि मैं एक बार में तीन-चार लंड ले सकता हूँ, फिर भी मेरी चूत की प्यास नहीं बुझती। अब तक मेरे नौ प्रेमी हो चुके हैं, और हर एक ने मेरी चूत को कठोर तरीके से पीटा है। मेरा फिगर 36-28-38 इंच है, और मेरे रसीले मम्मे 36 इंच के इतने टाइट हैं कि सलवार-कमीज या टॉप-जींस में भी दिखाई देंगे।हर आदमी मेरी गोल-मटोल गांड को देखकर घबरा जाता है। दोस्तों, हर लड़का अलग तरह का आनंद देता है, और मेरे साथ ऐसा ही हुआ जब मेरे ताऊ के एक लड़के ने मुझे चोदकर मेरा युवापन निकाला।

राकेश, मेरे ताऊ का लड़का, एक गबरू युवा है। जब वह छुट्टियों में हमारे घर आया, तो मुझे उसकी मर्दानी शरीर देखकर बुरा लगा। उसने जिम में कड़ी मेहनत की थी, जिससे उसका शरीर किसी हीरो से कम नहीं लगता था।

उसकी मज़बूत बाहें, चौड़ी छाती और चेहरा—वाह, बिल्कुल रणवीर सिंह की तरह! उसे देखते ही मेरा दिल धड़कने लगा। वह बीटेक का विद्यार्थी था और थोड़ा शर्मीला था। लेकिन मैं इस बार उसका लंड मेरी चूत में लेकर रहूँगी।

राकेश एक शाम छत पर टहल रहा था। मैंने मौका देखा और बिना दुपट्टे के एक टाइट सलवार-कमीज पहन ली, ताकि मेरे बड़े-बड़े मम्मे उसे ललचा सकें। छत पर कोई और व्यक्ति नहीं था। मैं उठकर उसके पास गया। वह बार-बार मेरी गहरी गलियों में देखते हुए मुझे देखकर थोड़ा घबरा गया।

Brother Sister Chudai Ki Kahani

भाई, आप क्या देख रहे हैं? मैंने नखरे से पूछा, हल्की मुस्कान लाकर।

“शालिनी, अब तुम बिल्कुल खराब हो गई हो! “बिलकुल जवान माल लग रहा है,” उसने हकलाकर कहा।

“हाँ, जवान तो हो गई, अब बस कोई मज़ेदार लड़का मिल जाए,” मैंने आँख मारते हुए कहा।

वह मेरी बात सुनकर शरमा गया, लेकिन उसकी आँखें मेरे मम्मों पर अटक गईं। उसका लोअर हल्का-हल्का तंबू बन रहा था, जिसे मैंने देखा।

“तुम्हारी कोई प्रेमिका है कि नहीं? “मज़ाकिया लहजे में मैंने पूछा।

हाँ, वह एक थी, लेकिन अब वह किसी और के साथ चली गई। “अब तो मैं बिल्कुल अकेला हूँ,” राकेश ने कहा।

“ठीक है? तो तुम्हारा लंड चूत के लिए परेशान नहीं होता? “क्या?” मैं हँसते हुए पूछा।

मेरी बात सुनकर उसकी आँखें लाल हो गईं और वह हँसने लगी। यहीं से मैंने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। मैं उसके पास हर अवसर पर जाती। कभी हल्की सलवार में, कभी टाइट टॉप में, जिसमें मेरी गांड का उभार साफ दिखाई देता था। राकेश इतना शर्मीला था कि कुछ नहीं करता था, हालांकि मैं चाहता था कि वह पहले बोलता। मुझे ही आगे बढ़ना पड़ा।

एक दोपहर है। हर व्यक्ति अपने कमरे में सो रहा था। वह अपने कमरे में बिस्तर पर लेटा हुआ था। मैंने सोचा कि इससे बेहतर अवसर नहीं मिलेगा। मैंने चुपचाप दरवाजा खोला और अंदर गई। वह गहरी नींद में था, उसके लोअर में उसका लंड पूरी तरह खड़ा था।तंबू की तरह मोटा डंडा मैंने धीरे-धीरे उसका अंडरवियर और लोअर नीचे खींचा। मित्रों, मैं माँ को दोष देता हूँ कि उसका लंड देखकर मेरी साँस रुक गई। 11 इंच लंबा और 3 इंच मोटा काला नाग मुझे मारने को तैयार था। मैंने उसे पकड़ा और धीरे-धीरे मुठ मारने लगी। फिर झुक कर उसे अपने मुँह में लिया। मेरे होंठ जलने लगे क्योंकि उसका लंड इतना गर्म था। मैं लॉलीपॉप चूसने की तरह जीभ से उसके सुपाड़े को चाट रही थी।

मैंने उसका लंड पंद्रह मिनट तक चूसा और उसे कुछ पता नहीं चला। फिर उसने अपनी आँखें खोली। और मुझे देखकर चौंक गया ।

“शाली! क्या यह कर रहा है? कोई आएगा! “डर से उसने कहा।

“चुप रहो! हम सभी सो रहे हैं। “तुम सिर्फ मज़ा ले,” मैंने हँसकर कहा।

“तू तो बहुत अच्छी लंड चूसती है, आदमी,” उसने शरमाते हुए कहा।

“हाँ, अपने प्रेमी के लंड ऐसे ही चूसती थी, फिर उनकी गांड मारती थी,” मैंने आँख मारते हुए कहा।

फिर क्या हुआ? राकेश को डर नहीं था। वह मेरे ऊपर चढ़ गया और हम एक दूसरे का होंठ चूमने लगे। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी और मेरी भी। वह मेरे होंठों को चूस रहा था जैसे कोई रसीला आम खा रहा हो। उसकी गर्म साँसों का स्पर्श मेरे चेहरे पर था।फिर उसने मेरी पैंटी, ब्रा और टॉप उतारे। मैं अब उसके सामने पूरी तरह से नंगी थी।

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“शालिनी, तुम्हारी युवावस्था कयामत है! “उसने मुझे देखकर कहा।

मेरे राजा, आज इसे खाओ! मैंने उसे धक्का दिया।

राकेश ने अपना अंडरवियर और टी-शर्ट उतारा। मैं उसके नग्न शरीर को देखकर बेहोश हो गया। उसने मेरे ऊपर लेटकर मेरे गालों को चूमने लगा। उसने मेरे गालों पर हल्के दाँत गड़ाए, जिससे मैं रोने लगा। “आह..। माँ मैं रोने लगा। फिर उसने दोनों हाथों में मेरे 36 इंच के मम्मों को मसलने लगा।वह अपनी उंगलियों से मेरे निप्पल रगड़ रहा था। मैं कई महीनों बाद कोई मेरे मम्मों से खेलने से तड़प रहा था।

राकेश, क्या वह सिर्फ मेरे बालों को दबाएगा या चूसेगा भी? “तुम क्या कर रहे हो?” मैंने कामुक आवाज़ में पूछा।

वह तुरंत मेरे एक स्तन को चूसने लगा। वह हल्के से मेरे निप्पल को काट रहा था, जबकि उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। मैं रोते हुए कहा, “आह… माँ… चूस ले..। राकेश, मेरा दूध पी लो! उसने बार-बार मेरे दोनों मम्मों को चूसा, इतना कि मेरे निप्पल लाल हो गए। मेरी चूत में से रस निकलने लगा। मैं चुदने के लिए उत्सुक थी।

राकेश ने मेरा पूरा शरीर चूमने लगा। वह अपने होंठ हर जगह ले जा रहा था—मेरे पेट, गर्दन, कंधों पर। उसके दाँतों के निशान मेरी गोरी त्वचा पर बन रहे थे। उसने मेरी नाभि में जीभ डालकर चाटा और मेरे पेट को चूमा, और मैं सिसकते हुए कहा, “उह… आह..। राकेश… और करो…! वह मेरे चूतड़ों को सहला रहा था और मेरी पीठ पर हाथ फेर रहा था। मैं पूरी तरह से नंगी थी और उसके सामने संगमरमर की मूर्ति की तरह चमक रही थी।

“राकेश, मेरी गांड चाट! मैंने उससे प्रार्थना की।

हाँ, मेरी रानी, आज मैं तेरी चूत का रस पीऊँगा! जोश में उसने कहा।

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उसने मेरे पैर फैलाए और मेरी चूत को देखने लगा। मैंने अपनी चूत को पहले ही शेव कर लिया था, ताकि वो एकदम चिकनी और गुलाबी दिखे। राकेश ने पाँच मिनट तक मेरी चूत को बस देखा, जैसे कोई खज़ाना मिल गया हो। फिर वो पागल हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी और ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं सिसक रही थी, “आह… माँ… चाट ले… मेरी चूत को खा जा… उह… उह…” वो मेरे रस को चूस रहा था, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार पर टूट पड़ा हो। उसने मेरी चूत में जीभ डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। मेरी कमर उछल रही थी, मेरा बदन पसीने से तर हो गया।मेरी कमर उछल रही थी और मेरा शरीर पसीने से भर गया था।

“सी… सी..। तुम्हारी जीभ जादू करती है..। और मेरी चूत को चाट! मैं शोर मचाया।

राकेश ने हल्के से मेरी चूत के दाने को काट लिया। मेरे बदन में आग लगी। “आह… मर गई… मर गई…” मैं चिल्ला रहा था। और कर…! उसने मेरी चूत में एक उंगली डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा। मेरी गुप्तांग में आग लगी हुई थी। मैं रोते हुए कहा, “मम्मी… उह… सी… सी..। राकेश..। अब मुझे मार डालो! मैं गिरने वाला था। “आह… हा… हा…” करते हुए मैं झड़ गया जब उसने और ज़ोर से उंगली चलाई। राकेश ने मेरी चूत से रस निकालकर उसे चाट लिया।

क्या आपको अच्छा लगा, रंडी? “वह हँसकर पूछा।

मैं हाँफकर कुछ नहीं बोल पाई। उसने फिर मेरी चूत में अपनी उंगली डाली और मेरे रस को मुँह में डाल दिया। मैं अपनी चूत के रस को चाट रहा था। मेरी साँसें इतनी तेज थीं कि मैं चुदने को बेताब हो गई।

“राकेश, अब मुझे चोद! तुम्हारा लंड! मैं चीख पड़ा।

उसने अपने 11 इंच मोटे लंड को मेरे पैरों पर रखा। वह उसे मुठ मारने लगा। फिर उसने मेरी चूत पर लात मार दी। लेकिन मेरी चूत इतनी टाइट थी कि लंड नहीं घुस पाया। मैं कई महीनों से चुदी नहीं थी, इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी।

“शालिनी, तुम्हारी चूत बहुत पतली है! राकेश ने यह कहा।

तेल लगाओ, भोसड़ी! “गुस्से में मैंने कहा।

उसने अलमारी से सरसों का तेल तुरंत निकाला। उसने तेल भरकर अपने लंड पर मालिश करने लगा। उसने दस मिनट तक अपने लिंग को चिकना रखा। अब उसका लिंग और भी घातक दिखाई देता था— 11 इंच लंबा, 3 इंच मोटा और पूरी तरह से चमकता हुआ खीरा है। उसने फिर से मेरी चूत पर लंड डालकर धीरे-धीरे दबाया। इस बार लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चिल्लाया, “आह… माँ… धीरे… फट जाएगी! लेकिन अब राकेश को कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसने एक तीव्र धक्का मारा, जिससे उसका आधा लंड मेरी चूत में धक्का लगा।

धीरे-धीरे उसने धक्के मारने शुरू किए। मेरी चूत की दीवारें उसके मोटे लंड से रगड़ रही थीं। मैं रोते हुए कहा, “उह… उह… आह… राकेश… और चोद…! उसने गति बढ़ा दी। जब उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, तो मेरे बदन में आग लग गई। “पच… पच…” की आवाज़ हर धक्के के साथ कमरे में गूँज रही थी, जबकि मेरी चूत रस से गीली थी। मैं उसका साथ देते हुए अपनी गांड उछाल-उछाल रही थी। वह मुझे जंगली जानवर की तरह चोद रहा था, उसकी आँखों में सिर्फ हवस थी।

क्या आपको अच्छा लग रहा है, मेरी रानी? “उसने कहा।

“हाँ… और चोद… मेरी चूत फाड़ दे..। आह… सी… सी..। मैं रोने लगा।

उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालकर अपना लंड बाहर निकाला। मुझे उंगलियों से चोदने लगा। मेरी चूत एक बार फिर रस निकालने लगी। उसने अपनी उंगलियाँ मेरे मुँह में डाल दीं और मैं अपना रस चाटने लगा। फिर उसने फिर से मेरी चूत में अपना लंड डाला। इस बार उसने अधिक तेज धक्के मारने लगे। मेरी बच्चेदानी को उसका लंड ठोक रहा था। मैं रोते हुए कहा, “आह… मम्मी… मर गई..। और मार डालो मेरी चूत! वह मेरे स्तनों को मसल रहा था, जो उछल रहे थे। मैं दोनों खुशी और दर्द से सिसक रही थी जब उसने मेरे निप्पल को चुटकी में खींचा।

उसने मुझे पंद्रह मिनट तक ऐसे ही चोदा। मैं लाल हो गया और दो बार झड़ गया। “शालिनी, मेरा होने वाला है! ”

“अंदर झड़ जाओ, मैं गोली खाऊँगी!” “हाँफते हुए मैंने कहा।

उसने अपनी गति को बढ़ा दिया। मेरी चूत उसके लंड से भर गई। फिर वह चिल्लाया, “आह… ले…!” और उसका गर्म, गर्म माल मेरी चूत में गिर पड़ा। उसके माल ने मेरी चूत भर दी। मैंने चूत को अपनी पैंटी से पोंछा, लेकिन वह नहीं रुका। “अब मेरा लंड चूस, रंडी!” उसने बेड पर खड़ा होकर कहा। ”

मैं तत्काल उसके सामने बैठ गया। उसका माल अभी भी टपक रहा था और उसका लंड अभी भी टनटना रहा था। मैं उसे मुँह में लेकर चूसने लगी। उसके सुपाड़े पर मेरी जीभ घूमती रही। उसने रोते हुए कहा, “आह… शालिनी…” जब मैंने उसके लिंग को गले तक उतारा। तुम बेहतरीन हो..। चूस ले…! मैं मुठ मारकर उसके लंड को चूस रहा था। फिर मैंने उसकी गोलियों को टॉफी की तरह चूसा। राकेश खुशी से पागल हो गया।

“शालिनी, तू एक लड़की है! उसने सराहना की।

दस मिनट बाद, वह मेरे मुँह में फिर से झड़ गया, जब मैंने उसे ज़ोर से चूसा।

मैं उसका माल चाटने लगा। लेकिन राकेश अभी भी उत्साहित था।

“तुम अब कुतिया बन जाओ!” उसने आदेश दिया।

मैं तत्काल घोड़ी बन गया। उसने दोनों हाथों से मेरी गांड चाटना शुरू किया। मैं सिसक रहा था, “आह… उह…” जब उसकी जीभ मेरी गांड में घुसती थी। राकेश..। क्या काम कर रहा है…! किसी भूखे कुत्ते की तरह, वह मेरी गांड चाट रहा था। फिर उसने अपनी मोटी उंगली मेरी गांड में डाल दी। मैं रोते हुए, “आह..। माँ निकाल..। मुझे दर्द हो रहा है! लेकिन मेरी चीखों से उसे मज़ा आ रहा था।दस मिनट तक उसने मेरी गांड को उंगली से चोदा, और मैं सिसक रही थी।

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“गांड चुदवानी है, तो मैं तेल लगाऊँ?” “उसने कहा।

“हाँ, कृपया..। मैं तेल के बिना मर जाऊँगा! “मैं रोते हुए बोली।

उसने फिर से अपने लंड पर तेल लगाया। उसने पंद्रह मिनट तक मालिश की, ताकि लंड चिकना हो जाए। अब उसका लंड पूरी तरह से फिसल गया था। उसने मेरी गांड पर धीरे-धीरे सुपाड़ा दबाया। मैं चिल्लाकर कहा, “आह… धीरे..। विस्फोट होगा…! लेकिन उसने ज़ोर से धक्का मारा, जिससे उसका आधा लंड मेरी गांड में पड़ा। मैं रोने लगा। धीरे-धीरे उसने मेरी गांड चोदने लगा। मेरी गांड उसके मोटे लंड से फाड़ रही थी। और मेरी चीखें निकल रही थी।

लेकिन उसने गति को बढ़ा दिया। उसने मेरी गांड में थूक दिया, जिससे उसका लंड आसानी से बाहर निकल गया। मेरी गांड लाल हो गई जब वह मेरे चूतड़ों पर चटाक-चटाक थप्पड़ मार रहा था। मैं सुख और पीड़ा के बीच झूल रही थी। जब उसका लंड मेरी गांड की गहराई तक जा रहा था, तो मेरे बदन में आग लग गई। “ले…” उसने चिल्लाकर कहा। मैं तुम्हें पीट रहा हूँ..। मैं बहुत खुश हूँ! मैं भी उत्तेजित होकर, “हाँ..। मार डालो..। मेरी गांड मारो…! ”

बीस मिनट तक उसने मेरी गांड चोदी। मैं हाँफ रही थी जब मेरी गांड का छेद ढीला हो गया। फिर उसने अपना माल मेरे चेहरे पर छोड़ दिया और अपना लंड बाहर निकाला। मेरे होंठों, गालों और मम्मों पर उसका गर्म माल गिरा। मैंने उसे चाट लिया और बिस्तर पर लेट गया।

राकेश मेरे पास लेट गया और मेरी पीठ सहलाने लगा। “शालिनी, तू बेहतरीन है! “पहले कभी ऐसा मज़ा नहीं मिला,” उसने कहा।

हाँ, तुम्हारा लंड भी अच्छा है। “मेरी गांड और चूत दोनों ठोक दी,” मैं हँसकर कहा।

तब से हमने कई बार चुदाई की। हर बार वह मेरी गांड और चूत को नए तरीके से चोदता था।

दोस्तों, आपको मेरी Brother-Sister Porn Story कहानी कैसी लगी? हमें मेल जरूर करे।

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