Hot Sister Live Sex Story में मैं एक बार अपनी बड़ी दीदी के घर गया. मेरी दीदी मुझसे कार चलना सिखने लगी. कार सीखते समय उन्होंने एक बाइक वाले में टक्कर मार दी और गाड़ी वहा से लेकर भाग गयी. लेकिन कुछ देर में ही बाइक वाले ने हमें पकड़ लिया।
मेरा नाम विवेक है और मेरी उम्र 19 वर्ष है।
24 वर्षीय मेरी दीदी हैं।
आज मैं आपको अपनी दीदी से चुदाई की लाइव सेक्स सीन कहानी बताऊँगा।
दीदी की शादी दो साल पहले हुई थी।
दीदी गुड़गाँव में रहती हैं क्योंकि जीजाजी एक निजी कंपनी में वरिष्ठ पद पर हैं।
सन सिटी में उनका खुद का फ्लैट है।
मम्मी ने मुझे एक दिन बताया कि दीदी के कुछ गहने घर में रह गए हैं।
“तुम इन्हें लेकर चले जाओ और दीदी से मिल भी लेना,” उनके कहते ही मैं जाने के लिए तैयार हो गया।
मैं अगले हफ्ते ट्रेन से नई दिल्ली उतरा।
वहाँ से दीदी से बात करने के बाद मैं मेट्रो लेकर गुड़गाँव गया।
रात के 1०:०० बज चुके थे।
स्टेशन पर जीजाजी अपनी कार से मुझे लेने आ गए।
15वीं मंजिल पर उनका फ्लैट था।
रात को खाना खाने के बाद हम सो गए।
7:00 बजे सुबह उठकर देखा कि घर में कोई नहीं था।
मैन गेट बंद था।
दीदी ने फोन पर बताया “हम दोनों जिम गए हैं, एक घंटे में लौटेंगे,” तब तक फ्रेश हो जाओ। ”
एक घंटे बाद जीजाजी और दीदी जिम से वापस आए।
हमने मिलकर खाना खाया और फिर घूमने चले गए।
दिन भर गुड़गाँव में घूमते रहे।
रात 8:00 बजे खाना खाके वापस आ रहे थे।
“मुझे भी अब गाड़ी चलाने दो,” दीदी ने कहा। यदि मैं इन दिनों में कुछ नहीं सीखी तो भूल जाऊँगी। “अभी भीड़ है, कल विवेक के साथ दोपहर में जाना,” जीजाजी ने कहा। दोपहर में भीड़ कम होती है। “ठीक है,” दीदी ने कहा। ”
अगले दिन जीजाजी एक कैब से ऑफिस गए।
दोपहर 12 बजे मैं और दीदी नहा-खाकर गाड़ी सीखने निकले।
“शहर से बाहर चलते हैं, वहाँ ज्यादा गाड़ियाँ नहीं आतीं,” दीदी ने कहा। ”
शहर से पंद्रह किलोमीटर दूर एक गाँव की सड़क पर हम पहुंचे।
वह सड़क सिंगल थी।
दीदी ने गाड़ी की गति बढ़ाई।
अचानक एक बाइक वाला आया।
वृद्ध आदमी गिर पड़ा जब दीदी ने उसे ठोकर मार दी।
भयभीत होकर दीदी ने गाड़ी और तेज भगा दी।
हम काफी आगे निकल गए, तो पीछे देखा तो कोई नहीं था।
हम चैन की साँस ली।
लेकिन रास्ता भूल गए ।
हम गूगल मैप से दूसरे मार्ग से घर लौटने लगे।
बुलेट वाला तुरंत आया और गाड़ी रोक दी।
उसके नंबर प्लेट पर “जाट” लिखा था।
वह पहलवान की तरह था।
हम दोनों डर गए जब हमने उसे देखा।
उसने दीदी को शीशा नीचे करने कहा।
“क्या बात है?” दीदी ने डरकर पूछा। ”
“धक्का मारकर भाग रही हो और उल्टा पूछती हो?” वह गुस्से में पूछा। ”
हमने कहा, “प्लीज छोड़ दीजिए, गलती हो गई।” उसने हमें बाहर निकलने को कहा।
हमने उसे विनती की, लेकिन वह नहीं माना।
दीदी ने कहा, “जो नुकसान हुआ, हम हर्जाना भर देंगे।” ” वह और गुस्सा हो गया और बोला, “तू हर्जाना देगी? मैं तुम्हें भुगतान करता हूँ। ”
उसने दीदी का हाथ पकड़ लिया और उसे खींचा।
मैं हाथ छुड़ाने में गिर गया।
इसके बाद वह दीदी को पास की कोठरी में ले गया।
मैं पीछे-पीछे गया।
कोठरी के बाहर बोरवेल था, जिस पर छोटे-छोटे छेद थे।
एक छेद से मैं देखने लगा।
उसमें एक चौकी थी। वह दीदी के ऊपर लेट गया।
उसने दीदी को कहा कि चूत मरवा ले, नहीं तो उसे थाने ले जाऊँगा, जहां पुलिस वाले मिलकर तुझे रगड़ देंगे।
दीदी डरकर तैयार हो गईं।
वह उनकी चूचियों को मसल रहा था और उनके होठों को चूस रहा था।
उसने अपना पैंट उतारा और दीदी के मुँह में 7 इंच लंबा, मोटा लंड डाल दिया।
दीदी को लंड देने के बाद और भी मोटा हो गया।
कुछ देर बाद, उसने दीदी की चूचियों पर हाथ डालकर उनकी टी-शर्ट के अंदर मसला।
फिर उसने दीदी का पायजामा और टी-शर्ट उतारा।
अब दीदी केवल ब्रा और पैंटी पहनती थीं।
उसने अपनी ब्रा फाड़ दी।
दीदी की चूचियाँ खुल गईं।
दीदी की कसकदार चूचियाँ बहुत बड़ी थीं।
उसने उन्हें मसलकर उनका रंग लाल कर दिया।
उसने फिर दीदी की पैंटी उतारी।
यह पहली बार था जब मैंने दीदी को नंगी देखा।
उनकी गोरी जाँघें और चुत दूध की तरह सफेद थीं।
दीदी की जाँघों को रगड़ने लगा।
फिर दीदी को चूसने लगा।
दीदी ने खुशी से आह-आह करते हुए आँखें बंद कर दीं।
कुछ देर में दीदी की बुर फट गई।
उसने दीदी की टाँगें अपने कंधों पर रखकर चौकी के किनारे खींच लिया, दीदी की बुर पर अपना मोटा लंड रखकर झटका दिया।
मोटा लंड अंदर नहीं जा रहा था।
उसने थूक लगाकर लंड का सुपारा दीदी की बुर में डाल दिया।
आधा लंड एक जोरदार धक्के में अंदर चला गया।
दीदी चिल्लाकर रोने लगी।
फिर एक बार, उसने धक्का मारा, जिससे पूरा लंड अंदर घुस गया।
दीदी बहुत रो रही थीं।
उसने दीदी के होठों और गालों को चूसा और उनकी चूचियों को सहलाया।
कुछ देर बाद दीदी चुप हो गईं।
उसने छेद से लंड निकाला।
सुपाड़े में खून था।
दीदी की बुर से भी हल्का खून बह रहा था।
उसने कपड़े से खून निकाला।
फिर उन्होंने दीदी की टाँगें मोड़कर जाँघें फैलाईं और लंड पर जोर से थूक लगाकर धक्का मारा।
फिर से पूरा लंड अंदर घुस गया।
पाँच या सात बार ऐसा करने पर दीदी की बुर खुल गई।
अब दीदी केवल आह-आह कर रही थीं।
बुर से पानी बहने लगा।
वह धीरे-धीरे धक्के मारने लगा।
चौकी हिल रही थी, ऐसा लगता था कि वह टूट जाएगी।
दीदी ने “मम्मी-मम्मी” चिल्लाया।
वह पूरी गति से पेल रहा था।
दीदी की बुर से कुछ लार जैसा निकल रहा था।
10 मिनट तक चुदाई करने के बाद वह दीदी से चिपककर आह – आह लगा।
फिर उठकर कहा, “जाओ, हर्जाना वसूल!”
“मैंने एक धक्का मारा, और तुमने इतने धक्के मारे,” दीदी ने उठकर कहा। नुकसान कौन उठाएगा? ”
यह कहते हुए दीदी ने उसके पैंट को नीचे किया।
उसे सहलाकर चूसने लगीं।
मैं हैरान हो गया।
दीदी अपने आप उससे चुदवाने के लिए राजी हो गयी।
दीदी ने लंड चूसकर और तगड़ा कर दिया।
उसकी नसें साफ़ दिख रही थीं।
फिर दीदी ने उसके बालों को नोचा और उसके होठों को चूसा।
दीदी ने अपनी चूचियों को मसला।
दीदी ने उसे चौकी पर लेटा दिया।
वे कभी-कभी उसकी छाती चूमतीं, कभी-कभी उसकी होठ चूमतीं, और कभी-कभी अपने बुर को लंड पर रगड़तीं।
दीदी ने लंड को बुर पर रखा और उसे धीरे-धीरे पूरा अंदर डाला।
कुछ देर तक दीदी उसके लंड को चाटती रही।
फिर वह सीधा हुई और जूड़ा बनाया।
वह लंड पर जोर से कूदने लगी।
कभी-कभी कमर हिलातीं, तो कभी-कभी कूदतीं।
दीदी ने थकान का नाम नहीं लिया।
उनकी आवाज परिवर्तित हो गई।
धक्कों से “आह-आह” कर रही थीं।
बुरी तरह से पानी निकल रहा था।
वह दीदी के चूतड़ों पर थप्पड़ मारकर उसे उत्साहित कर रहा था।
दीदी रुक नहीं रही थी, भले ही उसके चूतड़ लाल हो गए हों।
जिम की वजह से दीदी इतनी गर्म थी।
कोठरी में दीदी के धक्कों का शोर था।
ध्वनि पहले थप-थप हुई, फिर फच-फच हुई।
20 मिनट बाद दीदी के शरीर में हलचल मच गई।
उससे लिपटकर वे अपनी चूतड़ों को दबाने लगीं।
वह भी दीदी के साथ कमर उठा रहा था।
दोनों आह-आह करके धीरे-धीरे शांत हो गए।
दीदी ने उसके ऊपर लेटकर उसके गाल चूम लिया।
“पहले ना-ना कर रही थी, फिर क्या हुआ?” उसने पूछा। “शादी से पहले कई लड़के लाइन मारते थे,” दीदी ने कहा। लेकिन मैंने सोचा की मैं सिर्फ अपने पति से चुदवाऊँगी। लेकिन पति का लंड इतना छोटा है कि खुजली भी नही मिट पाती है। काम उंगली से करना पड़ता है। आप जैसे लंड को ब्लू फिल्मों में ही देखा था। किस्मत से मिला, तो छोड़ूँ क्यों? चाहे जितना दर्द हो।
“तुम मुझसे ज्यादा धक्के मारे।” क्या यह आंकड़ा है? “आज थक गई हूँ,” दीदी ने हँसकर कहा। हिसाब मिल जाएगा जब आप कहेंगे। ”
दोनों कपडे पहनने लगे।
मैं लाइव सेक्स सीन देखने के बाद वापस गाड़ी के पास गया।
जब दीदी आई, हम घर चले गए।
यात्रा के दौरान दीदी ने कहा, “आज जो हुआ, किसी को मत बताना, वरना मैं जान दे दूँगी।” “किसी को नहीं बताऊँगा,” मैंने दीदी से कहा। ”
शाम को जीजाजी आये।
जीजा ने पूछा “ड्राइविंग कैसी रही?”। “काफी सीख गयी हूँ,” दीदी ने कहा। थोड़े समय में मैं ट्रेंड हो जाऊँगी। “ठीक है,” जीजाजी ने कहा। जब तक विवेक उपलब्ध है, गाड़ी सीख लो। मुझे गाड़ी की जरूरत नहीं हैं। कल मैं बेंगलुरु जा रहा हूँ। ”
यह सुनकर दीदी खुश हो गईं, अगले दिन बाकी हिसाब-किताब बराबर करने की तैयारी में लग गईं।
अब आगे क्या हुआ, वो अगली कहानी में बताऊँगा।
आप सभी को Hot Sister Live Sex Story कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताये।