Bad Uncle Hot Sex Story में मेरे मौसा जी मेरी जाँघों और चूचियों पर नज़र डालते हुए मेरे जवान बदन को घूरते थे। इसमें बहुत मज़ा आता था। उसने एक दिन मेरी बुर की सील तोड़ दी।
मेरे मौसा जी मेरे शहर में रहते और काम करते थे।
हमारा घर तीन कमरों का था।
मैं और मेरा दो साल छोटा भाई छोटू एक कमरे में, मम्मी-पापा दूसरे में और मौसा जी तीसरे में।
उस समय मैं जवान हो गयी थी और मौसा जी की उम्र लगभग चालीस वर्ष थी।
यह Bad Uncle Hot Sex Story मेरी और मेरे इन मौसा जी की है.
ड्राइंग रूम में टीवी देखते समय मैंने मौसा जी को अपनी छातियों और नितंबों को निहारते हुए कई बार पकड़ा था।
वे भी हर अवसर पर मुझे छूने की कोशिश करते।
कभी सिर पर हाथ फेरते, कभी शाबाशी देने के बहाने मेरे गालों को सहलाते।
घर पर मैं ज्यादातर शॉर्ट्स और टाइट टी-शर्ट पहनती थी, जिससे मेरी जांघें खुली रहतीं।
मुझे बुरा लगता था जब मौसा जी मेरी जांघों पर हाथ फेरते।
मैं इसे पसंद करता था और मुस्कुराता था, लेकिन कुछ नहीं बोलता था।
जब वे मुझे अपना मोबाइल दिखाया तो मैंने देखा कि इसमें क्या आने लगा है।
मैंने देखा कि उसमें एक ब्लूफिल्म चल रही थी।
जब मैंने उनकी तरफ देखा, वे हंसकर चले गए और कहा कि तुम इसे ठीक कर दो, मैं बाद में ले लूँगा।
उस दिन मैंने ब्लू फिल्म पहली बार देखी थी, और मुझे बहुत अच्छा लगा।
उसके बाद मैंने कई बार ब्लू फिल्म देखी और अपनी चुत में गाजर, खीरा आदि डाल दिया।
अब मोटे से मोटे खीरा आराम से मेरी चुत से बाहर निकलने लगा।
मुझे मोटे की लंड की जरूरत होने लगी थी, और मैं मौसा जी से इसका लाभ उठाने लगे।
अब मुझे उनके हाथ का स्पर्श भी अच्छा लगने लगा।
जब मौसा जी नहाकर बाथरूम से निकलते, उन्होंने सिर्फ तौलिया लपेट रखा था।
तौलिये में उनके तने हुए लंड का उभार स्पष्ट दिखता है।
मैंने भी उनके कमरे में चुपके से झांककर मुठ मारते हुए देखा।
उनका मोटा और बहुत लंबा लंड था।
वह मुट्ठ मारने के बाद वीर्य की तेज धार देखकर मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई।
मैं चुपचाप अपनी चूत में खीरा करती रहती।
एक दिन मैं, छोटू और मौसा घर पर थे।
मम्मी-पापा दो दिन के लिए कार्यालय से बाहर गए थे।
जब मौसा जी ऑफिस से शाम को लौटे, तो छोटू फुटबॉल खेलने निकल गया।
मुझे जाते-जाते अपने बूट साफ करने को कहा गया।
जब मैंने मना किया, तो वह मेरी पीठ पर किट लेकर भाग गयी।
मैं रोने लग गया।
मुझे मौसा जी ने पुचकारना शुरू किया।
मैं सोफे पर बैठ गई और वे मेरे सिर पर हाथ फेर रहे थे।
मौसा जी ने मुझे अपने करीब लाया।
मैं रोते हुए उनकी जांघ पर सिर रखा।
उनकी उंगलियां मेरे गालों पर फिसल रही थीं और वे मेरे आंसू पोंछते हुए उनकी नरमी का आनंद लेते थे।
फिर उन्होंने मेरी पीठ सहलाना शुरू किया और कहा, “दुष्ट ने बहुत जोर से मारा, देख लाल हो गई है।”
उस दिन मैं एक शॉर्ट्स और फ्रॉक पहनी हुई थी।
जबकि मौसा जी बरमूडा और टी-शर्ट में थे.
धीरे-धीरे मैंने उनकी उंगली चाट ली जब वे मेरे होंठों पर रुक गए।
वे जानते थे कि लौंडिया खुश थी।
उनकी आंखें चमकीली हो गईं।
मेरी पीठ सहलाने लगी जब मौसा जी ने मेरी फ्रॉक को ऊपर सरकाया।
रात को क्रीम लगा दूंगा, ठीक हो जाएगा, मेरे पास आ जाना, मैं सब सही कर दूंगा! ’
यह कहते ही उनकी उंगलियां मेरी ब्रा के हुक तक पहुंचीं।
जब मैंने कोई विरोध नहीं किया, तो उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोला।
मेरी चूचियां मुक्त हो गईं।
धीरे-धीरे वे अपने हाथ नीचे लाकर मेरी घुंडियों को मसलने लगे।
मैं सिहर गयी ।
मैं भी अपने बरमूडा के ऊपर से उनके तना हुआ लंड को सहलाने लगी।
मुझे बहुत अच्छा लगा जब मौसा जी के लंड ने और तेज फुंफकार भरी और झटका मारा।
ठीक उसी समय, मौसा जी ने शॉर्ट्स के साथ मेरी पैंटी को नीचे खींचकर मेरी गांड को सहलाने लगे।
मैं खुश होकर उनकी गोदी में लेट गयी।
मौसा ने अपनी उंगली मेरी गांड के छेद में डालकर सहलाने लगे।
मेरी गांड धीरे-धीरे खुल-बंद होने लगी।
जब मौसा जी ने अपनी उंगली हटा दी, तो वह मेरी गांड के छेद में फिर से लगी, तो वह गीली हो गई।
मैं समझ गया कि मौसा जी ने थूक से अपनी उंगली को गीला कर दिया और अब मेरी गांड में उंगली करेंगे।
मैं मौसा जी को गांड में उंगली मारने के लिए सहमत था।
धीरे-धीरे उन्होंने अपनी गीली उंगली मेरी गांड में डाल दी।
मैं ऊँह कहते हुए उनकी उंगली से अपनी गांड मसलना शुरू कर दी।
अब मेरी चूत भी गीली हो गई।
तभी उन्होंने मुझे उठाकर अपना बरमूडा नीचे सरका दिया।
अब उन्होंने अपना मोटा लंड मेरे हाथ में थमा दिया।
मैं लंड को मुट्ठी में पकड़े हुए आगे-पीछे करने लगी।
उनका सुपाड़ा चमकने लगा और उनका मुँह खुल गया।
तभी मौसा ने मेरी चूत में उंगली डाली और सहला दी।
मैं और अधिक गीली हो गया।
फिर उन्होंने मेरे होंठों और गालों को चूमने लगे।
मैं भी उनके होंठों को चूसने लगी और उनका बरमूडा पूरी तरह उतार दिया।
हम दोनों नंगे थे।
उनका लंड मेरे पेट को छू रहा था और मेरी चूचियां उनकी छाती से रगड़ रही थीं।
मौसा ने मेरा हाथ अपने गोटों पर रखा।
मैं उन्हें समर्थन देने लगा।
हम दोनों गर्म हो गए।
‘चलो जानू, रूम में चलते हैं!’ मौसा जी ने कहा.
मुझे उनके कमरे में ले जाकर कमर से पकड़ा।
वहां, उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरे गालों, चूचियों और होंठों को चूमने लगे।
मेरी घुंडियों पर उनकी जीभ घूम रही थी।
मैं अत्यंत प्रसन्न था।
मैं अपने दूध को उनके मुँह में डालने लगी, मेरी आँखें बंद करके।
फिर उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू किया।
मैं गीली होकर सिहर रहा था जब उनकी जीभ मेरी चूत की फांकों में अंदर-बाहर हो रही थी।
मैं भी उनका लिंग चूसने लगी।
मुझे पता था क्योंकि मैंने कई बार सेक्स क्लिप्स देखा था।
वे सिसकारियां भर रहे थे जब मैं उनके सुपाड़े को चाट रही थी।
फिर हम दोनों 69 में आ गए।
वह मेरी चूत में जीभ डाल रहे थे और मैं उनके लंड को चूस रही थी।
थोड़ी देर बाद, मौसा ने मेरी चूत में अपना लंड डालकर मेरी गांड के नीचे तकिया रखा।
मैं इतनी गीली थी कि मौसा जी का मोटा लंड आसानी से मेरे शरीर में घुस गया।
मुझे गोद में उठाकर मौसा जी ने अपने निप्पल चुसवाने लगे।
फिर उन्होंने मुझे डॉगी की तरह चोदा।
हर झटका मेरी चूत को गीला करता था।
मैं फिर से झड़ गयी और मेरे अंदर उनका गर्म माल टपकने लगा।
हम थोड़ी देर उसी जगह पर लेटे रहे।
फिर मेरी माँ ने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और मेरी गांड से खेलते हुए पूछा: क्या आपको अच्छा लगा?
उन्होंने मेरे गालों को चूमकर हां में सिर हिलाया।
अब छोटू आना चाहिए! ’
मैं अपने कपड़े पहनने के लिए कहा।
उनके कपड़े भी बदल दिए गए, और हम दोनों ड्राइंग रूम में आकर सोफे पर बैठ गए।
अगले दिन छोटू कॉलेज चला गया और मैंने स्कूल जाने का बहाना बनाया.
मौसा जी भी ऑफिस गए, लेकिन छोटू के चले जाने पर वापस आ गए।
वे आते वक्त अपने साथ सिगरेट, जिन की बोतल और ठंडा पेय लाए थे।
मैं उनकी प्रतीक्षा कर रही थी।
मैंने छोटू की सैंडो गंजी और टाइट पैंटी पहनी थी, जिससे मेरी चूचियां साफ दिख रही थीं, क्योंकि मैं ब्रा नहीं पहनी थी।
मौसा जी ने मुझे गोद में लेकर मेरी कमर मसलने लगे।
उनका लंड मेरी गांड से सट रहा था और उनकी उंगलियां मेरी चूत की दरार में चल रही थीं।
मैंने कहा कि आज चुदाई नहीं होगी क्योंकि मेरा शरीर टूट रहा है।
मौसा ने मुझे लिटाया और मसाज करना शुरू किया।
तेल लगाकर उन्होंने मेरी गांड और चूत में उंगलियां डालीं।
फिर मुझे अपना लंड चुसवाया।
जब मैंने उनके सुपाड़े को जीभ से चाटा, वे सिसकारियां लगे।
फिर उन्होंने मुझे टेबल पर बिठाकर मुझे चूसने लगे।
हमने जिन के पैग पीए और सिगरेट पी।
फिर मैं टेबल पर ही चोदा गया।
मेरी चूत में उनका लंड गहरा हुआ था।
मैं जोर-जोर से रो रहा था।
इस बार वह मेरी गांड भी चोदी।
धीरे-धीरे उनका मोटा लंड मेरी गांड में घुस गया, दर्द के साथ मजा भी आ रहा था।
हम गंदी गालियां दे रहे थे।
‘रंडी, उठाओ मेरा लंड! मौसा ने कहा।
‘चोदो मुझे, बेवकूफ! मैंने उत्तर दिया।
हम दोनों चुदाई के बाद थक गए और एक साथ नहाए।
वह नहाते हुए फिर से मेरी चूचियों को मसला और मेरी चूत में उंगलियां डालीं।
साथ ही मैंने उनके लिंग को सहलाया और चूसा।
हमने साबुन लगाकर चूमते रहे।
हमने नहाने के बाद सोफे पर बैठ गए।
“जानू, तू तो बहुत सुंदर है,” मौसा ने मेरे गालों को चूमकर कहा।
वह मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लगा।
उस रात छोटू आने से पहले मौसा जी ने मुझे अपने कमरे में फिर से बुलाया।
हमने एक और राउंड जिन पिया।
मौसा ने मुझे अपनी गोद में बिठाकर मेरी चूचियों को चूसने लगा।
मैं उनके लंड को सहला रही थी और उनकी उंगलियां वापस मेरी चूत में घुस गईं।
फिर मौसा मेरी चूत को चाटने लगे।
मैं सिहर रही थी. मैंने भी उनका लंड चूसा और हम फिर से 69 में आ गए.
मौसा जी ने इस बार मुझे घोड़ी बनाकर चोदा।
मैं जोर से चिल्ला रही थी, “चोदो मुझे, मौसा जी, जोर से!” जब उनका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। ’
जब मैंने यह कहा, तो वे मेरी चूत को चोदते रहे और मेरी गांड पर थप्पड़ मारे।
बैड अंकल, मैं हॉट सेक्स में दो बार झड़ गया और उनका माल मेरे अंदर बाहर निकल गया।
हम थक गए और लेट गए।
मौसा ने मुझे अपनी बांहों में लेकर मेरे होंठों को चूमा।
हम फिर कल करेंगे! उन्होंने यह कहा।
हां में मुस्कुराकर मैंने सिर हिलाया।
अगले दिन छोटू फिर से स्कूल गया।
दिनभर मैं और मौसा जी खुश रहे।
हम नंगे होकर एक-दूसरे का बदन चूमते, चूमाते और चुदाई करते रहे।
मौसा जी का मोटा लंड मेरी चूत और गांड में बार-बार गया और मैं हर बार झड़ती रही.
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