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मेरी और मम्मी को रसीली सुहागरात ( Hot Mom Xxx Story )

मेरी और मम्मी को रसीली सुहागरात ( Hot Mom Xxx Story ) में मेरे पापा बाहर काम करते थे। मैं और मेरी माँ भारत में रहते थे। मम्मी को लंड नहीं मिला। इसलिए वे हर समय प्यासी रहती थीं।

हाय दोस्तो, यह मेरी माँ और मैं की प्रेम कहानी है।

वे जलती हुई आग की तरह माल की तरह हैं।

मेरी माँ एक साधारण परिवार से हैं, लेकिन उनका शरीर बहुत सुंदर है।

उन्हें अभी 35 साल की उम्र है, लेकिन उनकी युवावस्था इतनी जीवंत है कि कोई भी उनकी गोरी चमकती देह को छूकर उनके साथ रात बिताने के सपने देखने लगता है।

Hot Mom Xxx Story

मेरी माँ का खूबसूरत शरीर 34-30-36 का है, जो किसी को भी खुश करेगा।

उनके खूबसूरत उभरे हुए चूतड़ हर बार मर्द के कलेजे को हलक तक ले आते हैं।
मैं खुद भी अपनी माँ की मदमस्त जवानी को खा जाने वाली निगाहों से देखता था।

मेरी माँ की शादी कमसिन उम्र में हुई थी।
जबकि पापा उनसे दस साल बड़ा था।

उस पर भी, शादी के एक साल बाद मेरा जन्म हुआ और मेरे पिता विदेश चले गए।

तब घर में मैं, मम्मी और दादी ही थे।

मैं उस वक्त सिर्फ एक साल का छोटा बच्चा था।

रात को मम्मी और पापा वीडियो कॉल पर बात करते थे।
वीडियो कॉल में, पापा अपनी माँ को चूमते हैं और माँ शर्माती हुई उनसे चुम्मियों से प्यार करती है।
पापा भी मुझे प्यार से चूमते थे।

फिर पिता ने सालों बाद कहा कि वे भारत वापस आ रहे हैं।

मम्मी यह सुनकर खुश हो गई।
चेहरे पर एक अलग रंग चढ़ गया।

मम्मी ने घर को कांच सा चमका दिया जिस दिन पापा वापस आना था।
उन्होंने मेकअप करके और नए कपड़े पहनकर खुद को एक दुल्हन की तरह सजाया।
यह जानकर भी मुझे खुशी हुई कि पापा आ रहे हैं।

पापा के आने का बेसब्री से इंतजार करने लगी मम्मी।

सारा दिन कैसे बीत गया?
फिर वह क्षण आया जब पिता घर वापस आए।

अब मैं समझदार हो गया था।
इतने साल बाद पिता को देखा।

वे आते ही मम्मी से गले मिले, लेकिन मैं उनके साथ था, इसलिए वे सिर्फ गले मिलने तक रह गए और शायद उन दोनों की कामना उधर ही रह गई।

मैं उन दोनों को अकेला छोड़कर बाहर चला गया और चुपके से कमरे की खिड़की के पास आ गया।

जब मैं वहां से भाग गया, तो मैंने अंदर का दृश्य देखा, जो मेरे होश उड़ा देने वाला था।

मम्मी की साड़ी उनके शरीर से सरक चुकी थी, जबकि पापा उनकी चूचियों को जोर-जोर से दबा रहे थे।

वे मदहोश हो गए थे, उनकी आंखें बंद थीं और उनकी सांसें तेज थीं।
मम्मी को पूरी तरह से नंगी करके पापा ने उनका ब्लाउज उतार दिया।

साल भर बाद हॉट मॅाम Nxxx को पिता का लंड मिला, वे सिसकारियां भरते हुए, “आह… ऊह..।”

दोनों का मध्य सेक्स दौर इतना भयानक था कि मैं क्या कहूँ।
मम्मी की आहें और कराहें साफ बता रही थीं कि वे लंड से प्यासी थीं।

कमरे में चुदाई की गर्मी लगभग आधा घंटा तक रही।
फिर दोनों थक गए और शांत हो गए।

मम्मी ने चुदने के बाद अपने कपड़े ठीक किए और बाहर निकल गईं।
मैं भी तुरंत भागकर सोफे पर बैठा।

पिताजी बाहर आकर मेरे पास बैठ गए, जब मम्मी मुझे देखकर किचन में चली गईं।
मुझसे पढ़ाई की बात होने लगी। किंतु मैं उसी नंगी चुदाई की फिल्म में खो गया।

मेरी आंखों के सामने माँ की नंगी चूचियां नाच रही थीं।

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रात को खाना बनाकर सो गया।
हम सब पहले एक कमरे में सोते थे।
मैं उस रात भी अपने माता-पिता के बीच लेटा था।

कुछ घंटे बाद मैं सो गया।
पिताजी ने मुझे दो बार फोन किया, लेकिन मैं चुप रहा।

मैं जानता था कि वे अब माँ को चोदने वाले हैं।

जब वे दोनों काम करते रहे, पिता ने कहा कि उनके पास 15 दिन की छुट्टी है।
यह सुनते ही माँ की आंखें छलक आईं।

फिर, बातों-बातों में, पापा ने माँ का पल्लू सरकाया और उन्हें चूमना शुरू कर दिया।
साथ ही माँ भी पूरी शिद्दत से सहयोग कर रही थीं।

मैं सब कुछ चुपचाप देख रहा था।

धीरे-धीरे वे दोनों कपड़े नहीं पहनते थे।

मम्मी पापा का लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं, जबकि उनकी जीभ उस पर लपलपाती हुई दिखाई देती थी।

फिर पापा ने माँ की गीली चूत को चाटा, उनकी जीभ उस पर नाचती हुई।

पिता ने फिर माँ को चोदना शुरू कर दिया।
मम्मी सिसकारियां करने लगी, आह, ऊह, ओह!
कमरे में उनकी आवाजें गूँज रही थीं।

मैं सब सुन रहा था, लेकिन नींद आने पर पता नहीं चला।

फिर पंद्रह दिन कब बीत गए पता नहीं चला। Papa वापस चले गए।

मम्मी के जाने के बाद मेरा नजरिया बदल गया।
मैं उन्हें चोदते हुए देखने लगा।

जब वे सोते हैं, मैं उनकी चूचियों को दबा देता हूँ, वे सोते हुए ऐसा कर रहे हैं।
धीरे-धीरे मम्मी-पापा के शब्द कम हो गए।

मैं पूरी तरह से युवा हो चुका था और किसी के साथ सहवास करने की मेरी इच्छा बढ़ती जा रही थी।

हम एक दिन टीवी पर फिल्म देख रहे थे।
उसमें एक यौन सीन था। हीरो-हीरोइन एक-दूसरे को चूम रहे थे और शरीर से शरीर रगड़ रहे थे।

मैं भी उनकी आंखों में झांकते हुए माँ की ओर देखा।
कुछ देर बाद उन्होंने कहा, “बस करो, टीवी देखो!”

फिल्म खत्म होने पर मेरी माँ मेरे पास बैठ गई और कहा, “मैं एक प्रश्न पूछूँगा, सच कहूँगा..।” क्या आप एक प्रेमिका है?
मैंने उत्तर दिया: नहीं!

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तुम्हारे लिए कैसी लड़की चाहिए? वे मुस्कुराकर पूछीं।
मैंने कहा: आपके समान!

वे यह सुनकर चुप हो गईं।
मेरे टाइट लंड पर उनकी दृष्टि पड़ी।

“मैं तो बूढ़ी हो गई हूँ,” वे कसकते हुए कहा। मैंने क्या खो दिया!

मैंने कहा कि नहीं, मम्मी, तुम मुझे दो दशक की हसीना लगती हो।
यह कहते हुए मैंने उनके गाल को चूम लिया।

गाल चूमने तक वह कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने अचानक उनके दूध पर एक हाथ रखकर उसे दबाया।

यह देखते ही वे थोड़ा पीछे हटकर कहा, “काम करूँ, हटो।”
मुझसे अलग होकर वे खाना बनाने में चली गईं।

मैं रात को सोने का नाटक कर रहा था।

मेरे पास आकर माँ लेट गई।
मैं चुपचाप लेटा हुआ था।

मम्मी मेरी तरफ देखती रही, फिर अचानक मेरे गाल पर अपने तप्त होंठ छुआ और चूम लिया।

जैसे ही मैंने उन्हें अपनी तरफ खींचा, वे उठ खड़ी हुईं।
मैं भी उठकर पूछा: क्या हुआ? डर मत करो..। हमारे आसपास कोई व्यक्ति नहीं है!

मम्मी मुझे प्यार से देखने लगीं।
मैंने कहा कि यह हम दोनों के बीच रहने वाली बात रहेगी, आप यकीन करें।

फिर मेरी माँ मुझे चूमने लगी।
मैंने उन्हें अपने आगोश में डालकर उनके होंठों को चूसने लगा।

वे भी मेरे होंठों को चुंबन देते रहे।

मम्मी भी मेरी जीभ चूसने लगी जब मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में सरका दी।

अपने बेटे के साथ यौन संबंध बनाने में उनकी हर हिचकिचाहट खत्म हो गई थी।
जब मैंने उनका हाथ अपने लौड़े पर रखा, वे मेरे लौड़े को मसलने लगीं।

मैंने उनके होंठों को उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके दूध पर रख दिया।

वे मेरे सर को अपने मम्मे पर दबाने लगीं, साड़ी का पल्लू हटाकर।
जब मैं उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा तो उन्होंने अपनी साड़ी की चुन्नटें खींचकर उसे अपने साये से अलग कर दिया।

मैंने ब्रा का हुक खोला और उनके ब्लाउज को अपनी बांहों में डाल दिया।

मम्मी खुली हवा में अपने बेटे से चुसने लगी।

मैंने हाथ से दूसरी चूची को भँभोड़ने लगा और एक को मुँह में दबा लिया।
यह बहुत प्रसन्न लग रहा था।

मैं मम्मी के दोनों मम्मों के साथ खेलने लगा और वे मुझे अपना दूध भी चुसवा रही थीं।
तब उन्होंने अपने पेटीकोट का नाड़ा उतारकर एक पैंटी में आ गईं।

मैंने उनकी अधखुली साड़ी निकालकर वापस से उनकी चूचियों को चूसने लगा।
उन्हें जोश आया और उनकी सांसें तेज हो गईं।

अब मैं आपकी लूँगा, मैंने कहा और उन्हें बिस्तर पर डाल दिया।

हां ले लो, वे हंसते हुए कहां, लेकिन आराम से, तुम्हारा बड़ा है।

मैं आराम से पेलूँगा!
किसी रंडी की तरह, वे अपनी दोनों टांगें खोलकर मुस्कराए।

मैंने अपना लंड हाथ में पकड़कर उनकी चुत में फंसाकर पहली बार में आधा लंड डाल दिया।

मेरे मोटे और कठोर लौड़े से वे चिल्ला पड़ीं—हाय, मर गई..। बाहर निकालो, बहुत दर्द है!

लेकिन थोड़ी देर अंदर-बाहर करने के बाद वे शांत हो गईं और मज़ा लेने लगीं।

उसने अपनी गांड उठाकर कहा, “जोर से करो..।” माँ की चूत फाड़ दो..। वाह! भर दो!
मैंने अपनी माँ को पूरी ताकत से चोदना शुरू किया।

तुरंत ही माँ मेरे मुँह में अपना दूध देने की कोशिश करने लगी।
तो मैं समझ गया और उनकी चूचियों को चोदना और रगड़ना जारी रखा।

कुछ देर बाद, मैं उनकी चूत में अपने वीर्य से भर गया।

अब हम दोनों चुपचाप सो गए।

सुबह माँ चाय लेकर आई।
उस समय मैं नग्न होकर सो रहा था। वे लाल सलवार सूट में बेहतरीन दिख रही थीं।

उन्हें बिस्तर पर खींचकर चाय पीने के बाद मैंने लंड उनके मुँह में डाला।

मम्मी ने पहले थोड़ा मना किया, लेकिन फिर वे लंड चूसने के लिए मान गईं।
अब मैंने उन्हें पूरी तरह से नंगा करके चोदा।

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कमरे में उनकी आह और ऊह की आवाजें गूंज रही थीं।

सेक्स करने के बाद हम दोनों बाथरूम में नहाए, जहां मैं फिर से उनके मुँह में लंड डाला।

अब हम घर में एक पति-पत्नी की तरह रहने लगे।

मेरी माँ अपने आप को जवान रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने लगी थीं।

हम दोनों ने कुछ दिन बाद एक यात्रा की योजना बनाई।
हम दोनों ने मुंबई में शॉपिंग की।

मैंने अपने लिए सूट, मम्मी के लिए छोटे कपड़े और ब्रा-पैंटी पहना।

मैंने होटल में रात को एक उत्सव बनाया।
दुल्हन की तरह सजाया गया।
मम्मी दुल्हन की तरह बेड पर बैठ गई। मैं दूल्हा की तरह सजा पाया।

रात में कमरे में आकर मैंने देखा कि वे एक शर्माती हुई दुल्हन की तरह दिख रही थीं।

मैंने उन्हें गर्दन, कान, गाल और गर्दन सब जगह चूम लिया।
फिर साड़ी उतारी और ब्लाउज खोला। मुझे भी चूमने लगे।

हम दोनों नंगे थे।
जब मैंने उनकी चूचियां दबाईं, वे मेरी छाती चूसने लगीं।

मैंने उन्हें डॉगी की तरह चोदा।
कमरे में उनकी मादक आह, ऊह, ओह की सिसकारियां गूंज रही थीं।

मैंने झड़ने के बाद उनकी चूत में माल डाला।
अब हॉट मामी Nxxx लंड चूसने लगी।

तब हम नंगे ही चिपक कर सो गए।

तब मैं उन्हें गोवा ले गया, जहां मैंने उनकी माँ से उनकी गांड मारने के लिए कहा।
वे कहने लगीं कि सब इतना आसान नहीं है।

मैं गांड चुदाई का तरीका सीखने के लिए मम्मी की एक ऑनलाइन क्लास जॉइन की।
फिर गांड का आनंद लिया।
अगली सेक्स कहानी में मैं वह सब कैसे हुआ बताऊँगा।

दोस्तों आप सभी को मेरी मेरी और मम्मी को रसीली सुहागरात ( Hot Mom Xxx Story ) कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताये ताकि में आपके लिए ऐसी ही सेक्स कहानिया लेकर आता रहूं।

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