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पति के दोस्त से मैं चुद गयी ( Husband Friend Kamvasna Story )

Husband Friend Kamvasna Story में मैं घर पर अकेली थी। मेरी कामवासना में पति के दोस्त से मैं चुद गयी । इस कामुकता हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ें!

प्यारे, मेरा नाम सपना है। अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज में मेरी पिछली कहानियाँ प्रकाशित हुईं। मैं बहुत अच्छी तरह से जवाब मिला। मैं आपके प्यार के लिए सभी को धन्यवाद देना चाहती हूँ।

मुझे बहुत दिनों से मेल आ रहे थे जिनमें पाठकों ने शिकायत की कि मेरी कहानियां बहुत समय से प्रकाशित नहीं हो रही हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मुझे नई कहानी लिखने का समय नहीं मिल रहा था। फिर मैंने अपनी ये कहानी आपको सुनाने का निर्णय लिया।

अब मैं अपनी आज की सेक्स कहानी आपको बता रही हूँ। यह मेरी शादी के चार साल बाद हुआ। यह मेरी चूत चुदाई में से सबसे बुरा था।

मेरे पति एक प्राइवेट संस्था में काम करते हैं। उनका काम बहुत देर तक चलता है, इसलिए वे देर रात को घर आते हैं। जब वे काम कर रहे हैं, तो कभी-कभी शहर से बाहर भी जाना पड़ता है।

लेकिन यह उन दिनों की बात है जब मैं सेक्स के प्रति इतनी बेसब्र नहीं थी। वह मेरे पति के कार्यालय में भी एक दोस्त थे। विकास नाम था।

मेरे पति ने कहा कि अगर मुझे कुछ चाहिए तो मैं विकास से कह दूं क्योंकि वे शहर से चले गए थे। मैं विकास को अच्छी तरह जानता था और वे मेरे घर पर अक्सर आते थे।

विकास का फोन आया था कि अगर आपको किसी भी जरूरत पड़े तो बस मुझे एक बार फोन कर देना, उस दिन जब मेरे पति घर से बाहर गए थे। मैं आऊंगा।
मैंने उत्तर दिया: ठीक है। मैं आपको कुछ चाहिए बता दूंगी।
विकास से मैंने कई बार बात की है, इसलिए ऐसा कुछ नहीं था।

एक बार मेरे घर पर मेरे ससुर और सास नहीं थे। उस समय मैं बाथरूम में नहाने के लिए गयी थी। मैं बाहरी गेट को बंद करना भूल गयी।

जब मैं नहा कर सिर्फ तेलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर आई, तो उन्होंने देखा कि विकास पहले से आये हुये थे। उन्हें देखकर मैं घबरा गई, फिर अपने बदन छिपाकर पूछने लगी—आप कब आए?
उसने कहा कि मैं सिर्फ कुछ देर पहले आया था। जब मैं आया तो घर का मैन गेट खुला हुआ था और कोई भी नहीं था।

मैंने आपको कई बार आवाज दिया, लेकिन आप शायद बाथरूम में थे, इसलिए मेरी आवाज नहीं सुन पाए।
हां, मैंने कहा. अंदर कुछ सुनाई नहीं दिया।

उस दिन विकास के लिए मैंने चाय बनाई और कुछ देर तक बात करने के बाद वो चले गए।

लेकिन उस दिन के बाद मैंने महसूस करना शुरू किया कि विकास मेरे शरीर पर घूरने लगा था। मैंने अक्सर उनके हिप्स और बूब्स को घूरते देखा। वह भी बहाने से मेरे बूब्स को छूने की बार-बार कोशिश करते थे।

लेकिन मैंने उनमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। मैं जानती थी कि उनके मन में मेरे लिए क्या चल रहा है.

लेकिन मैंने कभी नहीं बताया कि उनकी हरकतों का अर्थ है कि वह मेरी कामवासना को जगा कर मुझे चोदना चाहता है।
सच कहूँ तो मुझे उनमें कोई रुचि नहीं थी, इसलिए मैं उसकी हरकतों को अनदेखा करती थी।

इस तरह तीन चार दिन निकल गए। एक दिन जब घर पर कोई नहीं था, मैं बाजार से कुछ खरीदने लगी। मैंने विकास को फोन करके सामान खरीदने के लिए कहा।

जब वह सामान देने के लिए अंदर आए, मैंने अपना हाथ सामान लेने के लिए आगे किया।

विकास की जिप के अंदर लटक रहे उसके लंड से मेरा हाथ कैसे मिल गया? या शायद विकास ने जानबूझकर मेरे हाथ को अपने लंड से छू लिया था।

मैंने हाथ पीछे खींच लिया जब उसका लंड मेरे बदन में करंट सा दौड़ा। फिर मैंने सामान को फिर से संभाला।

जब मैं रसोई में सामान रखकर वापस आया तो मैं नीची नजरों से उसके लंड की तरफ देखा. उसका लंड खड़ा होना शुरू हो गया था, जिसकी शेप उसकी पैंट में अलग से दिखाई देने लगी थी।

मैं चाहते हुए भी उसके लंड को देख रही थी। उसका लंड बहुत बड़ा लग रहा था। पैंट के अंदर लंड को देखकर मुझे कुछ होने लगा। मेरे अंदर कामवासना जागने लगी।

फिर मैंने उनसे बैठने को कहा। मैं रसोई में चाय बनाने गयी। वापस आने पर वो सोफे पर बैठे हुए थे। लंड वैसे ही एक साइड में अगल से दिखाई दे रहा था, टांगें फैली हुई थीं। सेक्स करने के लिए मेरी अनुमति मांग रहे थे।

जब मैंने उनके लिंग को देखा, तो मुझे लगा कि उनके लिंग में कुछ उछाल आ गया है। मैं थोड़ा डर गयी। काफी बड़ा और मोटा लंड लग रहा था विकास का.

तब मैं उसके सामने सोफे पर बैठ गयी और चाय पीने लगी। बाद में मुझे याद आया कि मैं उनके लिए कुछ खाना लाना भूल गयी थी। मैं उठकर फिर से रसोई में गयी और बिस्किट खोलकर प्लेट में डालने लगी।

तभी वह पीछे से आ गया और मेरे चूतड़ों पर अपना लंड रगड़ने लगा।
मैंने पूछा: आप ये क्या कर रहे हैं?

लेकिन वह सिर्फ आगे बढ़ता जा रहा था। उसने पूरा अपना लंड मेरी गांड पर सटा दिया। उसका लंड मेरी गांड की दरार पर सट गया, जैसे वह मेरे कपड़े फाड़ देगा।

फिर उसने मेरे चूचों और गर्दन को चूमना शुरू कर दिया। अब मैं भी मदहोश होने लगी थी

। मैंने उसके लंड पर अपनी गांड सटा दी। फिर उसने मुझे अपनी तरफ फेंक दिया, और हम दोनों के होंठ एक दूसरे से सट गए।

तब हम जोर से एक दूसरे के होंठ चूसने लगे। वह कुछ देर तक वहीं रसोई में मेरे चूचों को दबाता रहा और मुझे चूसता रहा।

फिर वह मुझे बेड वाले कमरे में ले गया। उसने मुझे ले जाकर अपने कपड़े खोलने लगा और मुझे बेड पर पटक दिया। उसने अपनी शर्ट निकाल दी।

फिर वह मेरे ऊपर आ गया और मेरे चूचों को फिर से अपने मुंह में भरने लगा। फिर उसने मेरी ब्रा को खोलकर मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया।

मेरे चूचे हवा में फैल गए। वह उन पर टूट पड़ा और मुझे नीचे डालकर उनको जोर से चूसने लगा। फिर उसने मेरी पैंटी निकालकर मेरी चूत में उंगली डालने लगा।

मैं अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी । मैंने उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़कर सहलाना शुरू किया।

हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे के अंगों को सहलाते रहे। फिर उसने घुटने के बल आकर अपनी पैंट खोली। जब उसने पैंट उतारे, उसके अंडरवियर में उसका लंड बहुत बड़ा दिखाई दिया। अगले ही क्षण, उसने अपने कच्छे को भी नीचे कर दिया।

मैं अपने पति के दोस्त का लंड देखकर हैरान हो गयी । उनका लंड मेरे पति से मोटा और बड़ा लंड था। उसके लंड में एक विशेषता थी। वह भी काफी गोरा था। उसकी तुलना में मेरे पति का लंड बहुत काला था।

फिर उसने मेरे हाथ में अपने लंड को हिलाकर दिया। जब मैंने उसका लंड हाथ में लिया, तो वह बहुत भारी था। मैं उसको हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी । वह तेजी से आवाज करने लगा।

फिर उसने मेरे मुंह में अपना लंड डाल दिया। उसका लंड मेरे मुंह पूरा घुस गया। मेंरा दम घुटने लगा। मैंने उससे बचने की कोशिश की, लेकिन वह मेरे मुंह में धक्के मारता रहा। उसने लंड को कई मिनट चुसवाने के बाद मेरे मुंह में ही अपना पानी निकाल दिया।

मैंने उसके मोटे लंड का सारा का सारा पानी पी लिया.

वीर्य बाहर निकलने के बाद उसने मेरी पैंटी को उठाकर अपने लंड को साफ किया। वासना के वशीभूत होकर मैंने अपने पति के दोस्त के लंड को फिर से चूसना शुरू किया। पांच मिनट के बाद, मैंने सोये हुए लंड को फिर से खड़ा कर दिया और उसे चूसती रही।
अब मैं भी उसके लंड से चुदने की इच्छा करने लगा था। मैंने इतना बड़ा लंड सिर्फ नंगी फिल्मों में देखा था।

विकास का लंड पूरा खड़ा हो गया, उसने मेरी टांगें अपने हाथ में लेकर मुझे बेड पर पीछे धकेल दिया। उसने मेरी चूत पर अपना लंड डालकर धक्का दिया। मैं मरने जैसी हालत हो गयी।उम्म्ह … अहह … हय … ओह … इतना मोटा लंड मैंने चूत में पहली बार लिया था.

उसने अपना लिंग घुसा दिया। उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया, हालांकि मुझे बहुत दर्द होने लगा। वह मुझे गालियां देते हुए मेरी चूत को चोदने लगा। उसके मुंह से गालियां सुनना भी मुझे अच्छा लगा। मैं भी चुदाई का पूरा आनंद लेने लगी।

उसने मुझे इसी पोज में कई मिनट तक चोदा और फिर मुझे खड़ा कर दिया। उसने मेरी एक टांग उठाकर फिर से चुदाई की। फिर से मुझे गालियां देने लगा।

उसने कहा, “साली रंडी, मैं बहुत दिनों से तुम्हारी चूत को चोदना चाहता था।” आज मैं तुम्हें चलने के लायक भी नहीं छोड़ूंगा।

इसके बाद वह बुरी तरह से धक्के मारने लगा। मैं चिल्लाने लगा। लेकिन वह नहीं रुका, मेरी चूत में दर्द होने लगा। उसके धक्कों के दर्द से मेरी आंखें बहने लगीं। मैं उसका साथ दे रही थी क्योंकि मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

उसने मुझे उल्टा करके मेरी चूत को कई मिनट तक रगड़ने के बाद तकिया नीचे रखा। उसने मुझे बेड पर उलटा लिटाने के बाद मेरी गांड के छेद पर थूक दिया और फिर अचानक मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया।

मैं अधमरी हो गई। मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन वह मेरे चूचों को जोर से भींचने लगा, और मेरा ध्यान चूचे दबाने में चला गया। वह कुछ देर में मेरा दर्द कम करने लगा और फिर मेरी गांड में अपने लंड को आगे पीछे करने लगा। मैं दर्द से रोने की बजाय हंसने लगी।

साली रंडी, मैं तुम्हारी हंसी को रोने में बदल दूंगा। तुम्हारी चूत अब इतनी पतली नहीं है, लेकिन तुम्हारी गांड अभी भी बहुत मज़ा देती है। उसका मोटा लंड मेरी गांड में भी घुस गया। मैं उसके लंड को अपनी गांड में ऐसे ही रखना चाहती थी।

रंडी, मैं तुम्हें हर दिन चोदना चाहता हूँ।
मैंने पूछा: तो इतने दिन रुके क्यों रहे?
उसने कहा कि मैं सिर्फ सही अवसर का इंतजार कर रहा था।
मैंने कहा कि आप मेरी चूत को जब चाहें चोद सकते हैं।
उसने कहा, “साली रंडी, मैं भी हर दिन तुम्हारी गांड चुदाऊँगा।” साली, तुम्हें बहुत बड़ा रांड बनाकर छोड़ दूंगा।

ऐसा कहते हुए वह मेरी गांड में अपने लंड को पूरा घुसाने लगे। उसने फिर से मुझे सीधा कर मेरी चूत में अपना लंड डाला। अब वो मेरी गांड में दोगुने जोश में धक्के मारने लगे।फिर कई मिनट तक मेरी चूत को चोदने के बाद उसने मेरी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया.
मेरी चूत जैसे फट ही गई थी.

हम नंगे ही पड़े रहे और फिर सो गये। शाम को उठे तो मैं वास्तव में चला नहीं जा रहा था। उसने मेरी गांड और चूत को बजाया।
मेरे सास और ससुर के आने के समय से विकास शुरू हुआ।

मैं विकास लंड से चूत और गांड चोदती रही जब तक मेरे पति घर नहीं आए। मैंने भी एक रात अपने सास और ससुर के सामने चुदाई करवा ली। लेकिन उनके उठने का डर था, इसलिए उस रात को एक बार ही चुदाई हुई। विकास ने मेरी गांड और चूत को चोद-चोद कर ढीली कर दिया।

यह थी मेरी कामवासना से भरपूर पति के दोस्त से मैं चुद गयी. कहानी के बारे में मुझे आप जरूर बताना.

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