Xxx Crazy Sex Kahani में मैं चाची की सहेली को बहुत चोदा। लेकिन उसने सब कुछ चाची को बताया। यह सुनते ही चाची भी मुझसे चुदने के लिए उत्सुक हो गई।
दोस्तो, मेरा नाम अविनाश है और मैं महाराष्ट्र का 25 साल का हंसमुख लौंडा हूँ।
मेरा लंड हमेशा चूत की तलाश में रहता है और जब बात चुदाई की आती है, तो मैं पूरी कोशिश करता हूँ कि चूत को फाड़ दूँ।
आज मैं आपको एक Xxx Crazy Sex Kahani सुनाने जा रहा हूँ जिसमें चाची जी ने खुद अपनी चूत मरवाई और मेरे लंड का मजा लिया।
जाने से पहले, उनकी सहेली ने चाची को मेरे लंड की शक्ति और चुदाई के कारनामे बताए।
यह सुनकर चाचीजी की चूत में आग लग गई और मुझसे चुदने को बेताब हो उठीं।
वे मेरे मोटे लंड से अपनी चूत की खुजली हर समय मिटाना चाहती थीं।
उसकी सहेली के जाने के बाद चाची जी को मुझे बदली-बदली लगने लगी।
वे पहले से ज्यादा मेरे करीब आने लगीं और मेरे लंड को छेड़ने लगीं।
वे मुझे ही किसी छोटे-छोटे काम के लिए फोन करेंगे।
मैं भी उनके काम करते हुए उनके चूत और मम्मों की तरफ देखता रहता।
वे मुझे हर बार घर जाने से पहले कुछ खाने-पीने की बात कहकर रोकतीं।
जब मैं रुक गया, वे मेरे सामने झुककर अपनी चूचियों और जवानी का जलवा दिखातीं।
मैं उनकी कसी हुई चूत और मोटे-मोटे मम्मे देखकर पागल हो गया।
मैं आज तक चाची जी को कभी गलत नहीं समझा था।
इसी तरह कुछ दिन बीत गए।
एक दिन, चाची जी ने मुझे फोन किया और कहा, “अवी, कुछ सामान लाकर देना।”
मैंने हां कहा और उनसे सामान की सूची और पैसे लिए।
फिर स्टोर से सामान लाकर घर गया।
मैं सामग्री लेकर पीछे मुड़ा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं।
चाची जी अभी-अभी नहाकर कमरे में आईं।
मैं आया देखकर वे भी थोड़ा घबरा गईं और उनके हाथ से तौलिया छूट गया।
जब तौलिया नीचे गिरा, वे मेरे सामने अपनी पूरी जवानी बिखेरने लगे।
उस उत्तेजक दृश्य को देखते ही मेरा वीर्य उछलने लगा।
मेरे सामने उनका भरा हुआ, गोरा बदन था।
उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां ऐसी थीं कि मानो दो बड़े-बड़े पपीते मेरे लिंग को ललचा रहे हों।
मेरा लंड पैंट में फनफनाने लगा जब मैं चाची की पतली कमर और नीचे उनकी गदराई टांगों के बीच कसी हुई झांट रहित गुलाबी चूत को देखा।
उसकी चुत का दाना मुँह निकालकर चुत की फाँकों से बाहर निकल रहा था, जो एक कामुक दृश्य बना रहा था।
नहा कर आने के बाद, उनकी चुत से पानी की एक बूंद टपकने लगी, जो मेरी नजरों को उसी जगह पर रोक रही थी।
उनके गीले बालों से टपकता पानी, उनकी चूचियों से होकर उनकी नाभि तक जा रहा था, उनका चमकता बदन।
उस दृश्य को देखकर मेरा लंड तंबू बन गया।
मैं उनकी चूत और मम्मों को घूर रहा हूँ, चाची जी ने देखा।
अब तक उनका डर खत्म हो गया था और वे संयत हो गई थीं।
मानो उनकी इच्छा अचानक पूरी होने वाली हो गई हो।
अब उन्होंने आराम से तौलिया उठाया और उसे बिना लपेटे एक कामुक स्माइल देकर अन्दर वाले कमरे में चली गईं, अपनी गांड को अदा से मटकाती हुई।
वह कामुक स्माइल मेरे लंड को और भी तड़पा दी।
जब मैं घर पहुंचा, मैं चाची जी की चूत और मम्मों पर विचार करने लगा।
मेरे मन से उनकी नंगी चूत नहीं जा रही थी।
मेरा लिंग शांत नहीं हो रहा था।
आखिरकार मैं बाथरूम में गया और चाची जी की चूत को गले लगाने लगा।
मैंने उनके मम्मों और चूत को याद करके अपने लंड को रगड़ा और फिर शांत हुआ।
इसके बाद मैं सो गया।
मैं सुबह फ्रेश होकर बाहर निकला ही था कि सामने से चाची आती दिखीं।
डर से मैं वहां से चला गया।
लेकिन उन्होंने मुझे रोक लिया और मुझसे ऐसे बातें करने लगीं, जैसे सुबह कुछ नहीं हुआ हो।
जब वे मेरी माँ से मिलने मेरे घर आईं, वे कहा, “दीदी, कल मैं मायके जा रही हूँ और चाहती हूँ कि अवी मेरे साथ चले।”
माँ ने हां कहा।
यह सुनते ही मेरा लिंग खुशी से उछलने लगा।
मैं जानता था कि चाची जी मेरे लंड से चुदवाना चाहती हैं और मायके के बहाने मुझसे चुदाई करना चाहती हैं।
“बाबू, कल सुबह तैयार रहना,” चाची ने मुझे जाते वक्त आंख मारी, हाथ मेरे गाल पर फेरा और कहा।
मुझे पूरी रात नींद नहीं आई।
मैं चाची जी की चूत और मम्मों पर विचार करता रहा।
सुबह उठकर तैयार होकर उनके घर गया।
उस समय चाची जी तैयार हो चुकी थीं।
फिर से मेरी आंखें फटी रह गईं जब मैंने उन्हें देखा।
वे पेटीकोट और ब्लाउज में थीं।
उनका ब्लाउज इतना ऊँचा था कि उनकी चूचियां ब्रा से पूरी तरह बाहर निकल रही थीं।
उनका पेटीकोट नाभि के काफी नीचे बंधा हुआ था, जिससे उनकी चूत का उभार साफ दिख रहा था।
मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया क्योंकि चाची इतनी कामुक लग रही थीं।
‘अवी, खड़ा क्यों हो?’ चाची ने मुझे देखकर पूछा। बैठ जाओ।
मैंने होश में आकर बैठ गया।
मैं उनके सामने तैयार होने लगा।
मैंने पूछा कि चाचा कहां गया था।
उसने कहा कि तुम्हारे चाचा काम से बाहर गए हैं और चार से पांच दिन बाद वापस आएंगे। मेरे बच्चे हॉस्टल में पढ़ते हैं, इसलिए मैं घर पर अकेली रहूँगी!
यह सुनकर मैं खुश हो गया।
मैंने पूछा कि क्या आप अकेले रहने से डर नहीं लगेगा?
“मैं तुम्हें ले जा रही हूँ क्योंकि तुम मेरा डर दूर कर देंगे,
यह कहते हुए, उन्होंने मेरे सामने अपना दूध हिलाकर पूछा कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ।
मैंने कहा: उत्कृष्ट!
हॉट क्यों? वे हंसकर पूछा।
मैंने कहा कि आपके एसेट्स आपको गर्म करते हैं।
वाह एसेट्स, वे अपने दूध मेरी तरफ तानते हुए बोलीं। क्या ये मेरे हैं?
मैंने पूछा: हाँ, वास्तव में चाची..। आपके चूचे बहुत बड़े हैं। आपका आकार क्या है?
मैं तुम्हारे सामने हूँ, क्या तुम्हें लगता है मेरा आकार क्या होगा? चाची जी ने मुझसे पूछा।
मैंने कहा कि मैं नहीं जानता।
तब उन्होंने खुद कहा कि उनका आकार 36-32-38 है। यह नाप तो नहीं समझता है न..। 36 इंच के मेरे बूब्स और 32 इंच की कमर इसमें हैं. मेरी कमर के नीचे 38 इंच की है।
मैं समझ गया कि हां, चाची, 38 इंच की आपकी गांड है।
तो मैं सेक्सी हूँ न? वे खिलखिलाकर हंस पड़ीं।
यह सुनकर मैं हंस पड़ा, “हां, तुम बहुत खूबसूरत हो!”
जैसे ही मैं बोल पड़ा, चाची जी मुझे अपने गर्म होंठों से चूमने लगीं।
मैं भी उनके साथ चुपचाप चलने लगा और उनके होंठ चुसवाने लगा।
चाची की जीभ जल्दी ही मेरे मुँह में घुसने लगी।
वे पहले से ही चूत में जल रहे थे।
जब वे मेरे लंड पर हाथ डालने लगीं, वे उसे जोर से रगड़ने लगीं।
मैं भी उनके मम्मों पर चिल्लाया। मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।
मैं एक हाथ से पेटीकोट के ऊपर से उनकी चूत को सहलाने लगा।
मुझे नंगी कर दे, ताकि मैं तुझ पर टूट पड़ूँ, चाची जी ने कहा। मैंने सुना है कि तुम चूत फाड़ कर सांड की तरह चोदते हो। मैं भी उसी तरह चोद लूंगा!
मैंने उन्हें फिर से पूछा: क्या आपको अभी मायके जाना चाहिए?
उन्हें गुस्सा आया और वे कहा कि क्या मैं मायके जाकर चुदवाऊं या यहीं तुम्हारे लंड से चुदवाऊं?
मैंने कहा कि यह योजना घर जाने की थी।
उसने कहा, “वह सब छोड़ दे, आज मेरी चूत को खुश कर दे!”
मैं उन्हें चूमने लगा, क्योंकि मैं उन्हें ज्यादा तड़पाना नहीं चाहता था।
मैंने उनके होंठ खाए और उनकी जीभ चूसी लगभग पांच मिनट तक। वे पूरी तरह से कामुक हो गईं।
मैंने उनका ब्लाउज और पेटीकोट निकाल दिया। वह अब सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनती थीं।
जैसे मियां खलीफा मेरे सामने हो, मैं उनकी कसी हुई चूत और चूचियों को देखने लगा।
मैंने उन्हें नीचे बैठने का आदेश दिया।
तुरंत ही वे मेरे सामने घुटनों पर बैठ गईं।
मैंने अपना तना हुआ लंड उनके सामने रखा।
लंड को देखते हुए चाचीजी ने कहा कि इस लंड से चुदने की बहुत दिनों की इच्छा आज पूरी होगी।
यह कहकर उन्होंने लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगा।
मैं चिल्लाने लगा, चाची, जोर से चूस, आह..। तुम मेरी रानी बन जाओ!
किसी अनुभवी रंडी की तरह वे मेरा लंड चूसने लगीं।
मैं कुछ देर बाद उनके मुँह में गिर पड़ा।
उन्होंने लंड को चाटकर साफ कर दिया और सब कुछ पी लिया।
फिर मुझे चूमने लगे।
मैंने उनके निप्पलों को मसलने लगा जब मैंने उनकी ब्रा खोल दी।
मैंने उनकी चूचियां इतनी जोर से दबाई कि वे दोनों लाल हो गए।
उनकी चूचियों पर मेरे दांतों के निशान थे।
फिर मैं उनकी चूत पर हाथ लगाया।
उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी।
जैसे ही मैं उनकी आंखों में देखा, वे शर्माने लगीं।
मैंने उन्हें बेड पर लिटाकर उनकी चूत पर मुँह लगाया।
मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाल दी।
मैं झड़ने वाली हूँ, वे बोलते हुए थरथराने लगीं।
मैंने उनकी चूत चाटते हुए अपनी उंगली अंदर-बाहर की।
कुछ ही पलों बाद वे चिल्लाकर मेरे मुँह में गिर पड़ी।
उसने झड़ने के बाद कहा, “तुमने बिना चोदे मेरी चूत शांत कर दी।” लेकिन मेरी चूत तेरा लंड चाहती है। तुम अपना मूसल मेरी चूत में डाल दो!
अब मेरा लिंग फिर से फनफनाने लगा।
मैंने उनके ऊपर चढ़ाई की।
उसने अपनी गांड ऊपर उठाकर मेरा लंड खुद अपनी चूत के मुँह पर सैट किया।
तभी मैं जोर से धक्का मारा। लंड का टुकड़ा उनकी चूत में घुस गया।
वे चिल्लाकर कहा, “आह, मैं मर गया।”
लेकिन उनकी आवाज मेरे मुँह से दब गई जब मैंने उनके मुँह पर अपना मुँह रख दिया।
मेरा लंड चाचा से काफी छोटा और पतला था, इसलिए मेरा लंड चाची की चूत को चौड़ा करता था।
जब मैंने दूसरा धक्का मारा, तो आधा लंड अंदर चला गया। वे रोने लगीं।
तीसरे धक्के में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया।
अब वे मुझसे दूर होकर चिल्लाने लगीं, “अवी, मेरी चूत फट गई!”
मैंने लगातार धक्के मारने शुरू किया। पच-पच की आवाजें उनकी चूत से आने लगीं।
कुछ देर बाद वे भी गांड उठाकर धक्के मारने लगे।
5 मिनट की चुदाई के बाद, उन्होंने मुझे टांगों से जकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाखून रगड़ने लगीं।
चाची चिल्ला उठी।
अब मेरा भी होगा। मैंने उनकी चूत में जोर से धक्के मारे।
मुझे सहलाते हुए वे कहा, “तू मेरे सोने लाल से भी बेहतर चोदता है!”
वे चाचा को सोने का लाल कहा।
फिर चाची मेरा लंड चूसने लगी।
जब मैं फिर से खड़ा हुआ, वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड पर सवारी करने लगीं।
उनके स्तन उछल रहे थे।
तुम्हारा लंड बहुत सुंदर है, वे चिल्लाईं।
कमरे में सिर्फ ठप-ठप की आवाजें ही सुनाई देती थीं।
फिर वे गाली देने लगीं: तुमने पहले मेरी सहेली को क्यों चोदा? अब मेरी चूत फाड़ दो, बेवकूफ!
मैंने उन्हें नीचे लिया, तकिया उनकी गांड के नीचे रखा ताकि उनकी चूत मेरे सामने खुल जाए।
मैंने एक ही धक्के में उनकी चूत में पूरा लंड डाला।
उन्हें गुस्सा आया, “मेरी चूत!”
मैं उनकी चूत को चोदता रहा। उनकी बच्चेदानी मेरे लिंग से टकरा रही थी।
वे रोते हुए कहा, “आआह..।” साले ने हत्या कर दी..। हाय, बहन का लंड!
मैं भी गालियां देने लगा: साली, शादी से पहले तुम और तेरी सहेली बहुत सारे लंड खा चुकी हो। तुम आज से मेरी निजी रंडी हो!
मैंने उनकी चूत को और अधिक जोर से चोदा।
पूरे कमरे में xxx क्रेजी सेक्स की आवाजें गूँज रही थीं।
मैं फिर से उनकी चूत में झड़ गया और उनके ऊपर ही गिर गया।
मैं चाची जी की चूत से पूरी तरह संतुष्ट था।
अवि, तुमने मेरी चूत की आग बुझा दी। अब मुझे तुम्हारा लंड हर समय चाहिए होगा!
मैंने कहा, “हां, चिकनी चाची से आपकी चुत का भोसड़ा बनाने के लिए मेरा लंड हमेशा गर्म रहेगा!”
दोस्तों ये मेरी चाची की चुदाई कहानी हैं।
Xxx Crazy Sex Kahani आपको कैसी लगी, प्लीज अपने कमेंट्स जरूर लिखें.
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