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चाची को चोदने की चाहत ( Hot Chachi Ki Chut Chudai Kahani )

Hot Chachi Ki Chut Chudai Kahani में का मजा लिया जवान भतीजे ने. चाची और भतीजा दोनों के सेक्स के लिए पागल हो रहे थे, दोनों को मौका मिलते ही चुदाई चालू कर देते हैं.

सुबह से चिंतित होकर सुमन ने आखिरकार निर्णय लिया।
सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए, वह अपने बेटे पंकज को देखने लगी।

“पंकज, तू आगे वाले कमरे में जा तो, मुझे कपड़े बदलने हैं,” सुमन ने कहा। पंकज ने अपनी किताबें एकत्र करके आगे वाले कमरे में चला गया।
तुरंत कमरा बंद कर, सुमन ने गहरी साँस लेकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया।

उसने अलमारी के काँच के सामने खड़ी होकर अपने ब्लाउज़ के बटन खोले।
सुमन एक आगे से खुलने वाली ब्रा पहनती है।
सुमन ने ब्रा और ब्लाउज़ को आगे से खोलकर अपने स्तनों को सहलाने लगा।

वह चिंतित थी कि भेजा जाए या नहीं।

अंत में, उसने अपने मोबाइल फोन उठाया और कुछ सेल्फियाँ लीं।
कुछ निकाल दिया गया और कुछ रह गया।

पलंग पर बैठकर अपने पेटीकोट और साड़ी उठा लिए।
दिल और दिमाग में संघर्ष चल रहा था, लेकिन आज दिल की बात थी।

उसने पैरों को फैलाकर पैंटी के ऊपर से हाथ फेरते हुए कुछ अतिरिक्त सेल्फियाँ लीं, जिससे पैंटी से कंधे तक पूरा शरीर दिखाई देता था।

सुमन ने सभी चित्र भेजे।
मोबाइल पर मैसेज घंटी बज गई।

कमल अपने कार्यस्थल पर बैठा चाय पी रहा था।
मोबाइल को जेब से निकालकर लॉक खोला।

सुमन चाची ने WhatsApp पर कुछ चित्र भेजे थे।

उसने तुरंत WhatsApp खोला।
8 चित्र थे, सभी डाउनलोड की गईं।

जब हालात ऐसे बने कि वह तुरंत उठ खड़ा हुआ और सबसे दूर चला गया।

उसने प्रत्येक चित्र को गौर से देखा और सुमन के शरीर को पूरी तरह से देखा।

उसने चाची को तुरंत फोन किया।

सुमन अपने ब्लाउज़ को खींच रही थी।
उसने कॉल कट कर दिया जब उसने देखा कि कॉल कमल का था।

कमल सुमन को जानता था, इसलिए उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उसने वापस व्हाट्सएप पर जाकर सुमन को संदेश भेजा।

कमल, “चाची..।” “हाँ,” सुमन ने कहा। कमल ने कहा, “मैं प्यार करता हूँ यार..।” ”

“सुमन, कॉल पर बात नहीं करोगी?” कमल ने पूछा। सुमन ने कहा, “क्या कहना है, बस यहीं बोल दो।” ”

कमल, “समझ नहीं आ रहा क्या कहूँ..।”

सुमन ने कहा, “क्यों, मैंने ऐसा तो कुछ नहीं भेजा जिससे सोच-समझ ही खत्म हो जाए। कमल ने कहा, “अरे, मेरा मतलब है कि मैं कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ तक करूँ।” ”

सुमन ने कहा, “मैंने शुरू कर दिया है, कहाँ तक करना है ये तुम पर छोड़ती हूँ।” कमल ने कहा, “ओके।” ”

कमल ने संदेश भेजा और अपने पैंट-चड्ढी को घुटनों तक उतार दिया।
फिर अपने खड़े लंड का चित्र लिया और सुमन को भेजा।

“क्या हुआ?” सुमन ने पूछा। क्या आप खो गए? कमल, “फोटो”
सुमन ने कहा, “बहुत सुंदर है। सुमन ने चित्र देखते ही उत्तर दिया।

कमल पूछता है, “साफ शब्दों में कहूँ चाची?” “हाँ बोलो,” सुमन ने कहा। ”

कमल ने कहा, “अब और नहीं रुका जा रहा..। मैं जल्दी आ रहा हूँ, आपकी चूत को चोदने के लिए। ”

सुमन ने कहा, “मैं भी यही चाहती हूँ कमल। लेकिन इतना इंतज़ार करना थोड़ा देर और सही था। ”

Kamal, “तो कब? आज? क्या? “कल-परसों नहीं,” सुमन ने कहा। पंकज सिर्फ आज घर पर है। तब वह 3 बजे ट्यूशन जाएगा! ”

Kamal, “ओह चाची..। अब ये तीन कब बजेंगे? सुमन, “जल्दी ही..। ”

3 बज गया था।
Pankaj ट्यूशन जाने की योजना बना रहा था।
दरवाजे पर कोई दस्तक दी।

कमल खड़ा था, जब सुमन गया।
यह पहली बार था जब वह कमल को देखकर रोने लगा।
जैसे-तैसे उसने खुद को बचाया और दरवाज़ा खोला।

“अरे कमल, अब तुम?” सुमन ने पूछा। कमल ने कहा, “हाँ चाची, बस यहाँ से गुज़र रहा था, तो सोचा मिलता चलूँगा।” ”

पंकज ने पूछा, “कमल भैया आप? “द्वार पर आते हुए पंकज ने कहा।

कमल ने पूछा, “हाँ भाई, तुम कहाँ की तैयारी में हो?” पंकज ने कहा, “बस, ट्यूशन जा रहा था।” कमल ने कहा, “तुम निकल रहे हो तो मैं भी निकल जाऊँगा, वरना बोर हो जाऊँगा।” ”

पंकज ने पूछा, “दोबारा आओगे? कमल ने पूछा, “कितनी देर में आओगे?” पंकज ने कहा, “मुझे तो कम से कम दो घंटे लगेंगे।” ”

कमल ने कहा, “ठीक है, तब तक मैं वापस आ जाऊँगा।” पंकज, “डन।” मैं वापस आकर आपसे मिलता हूँ। कमल ने कहा, “ज़रा पेशाब कर लूँ।” ”

पंकज ने कहा, “ठीक है मम्मी, मैं चला जाऊँगा।” “ध्यान से जाओ,” सुमन ने कहा। ”

पंकज निकल गया और सुमन अच्छी तरह से दरवाज़ा बंद करके अंदर चली गई।
कमल बाथरूम से बाहर निकलने के बाद अंदर भी गया।

सुमन ने उसे अपनी नंगी तस्वीरें भेजी थीं, तब से उसका लंड खड़ा था।

उसने बाथरूम से लंड पैंट निकालकर निकला।
रसोई में सुमन थी।
चाय बनाने के लिए उसने गैस पर रख दी थी।

कमल उसके पीछे जाकर खड़ा हुआ।
तुरंत कमल ने सुमन की साड़ी और पेटीकोट उठाया और पैंटी घुटनों तक उतार दी।

सुमन ने कुछ नहीं कहा।
वह शांति से आगे झुक गई।

कमल ने अपने हाथ में कुछ थूक लिया और सुमन की चूत पर कुचल दी।
कमल के स्पर्श पर सुमन ने गहरी साँस ली।

फिर, कमल ने एक हाथ से सुमन की कमर पकड़ा और दूसरे हाथ से अपना लंड सुमन की चूत से लगाया. वह धीरे-धीरे पूरा लंड सुमन की चूत में डाल दिया।

सुमन ने कमल की आँखों में देखा और लंड चूत में घुसते ही एक “आह” भरी।
रुकने का संकेत दिया और आँखें बंद कर दीं।

कमल धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा।

दरवाजे पर अचानक दस्तक आई।
कमल थोड़ा पीछे खिसक गया, जब सुमन ने अपने आप को बचाया।

“तुम रुको, मैं देखती हूँ,” सुमन ने कहा, ठोकर से एक कोने में अपनी पैंटी सरका दी। “सुमन रसोई से बाहर निकली।”

रसोई से बाहर निकलते हुए, कमल पैंट में अपना लंड डालकर दरवाजे की ओर देखने लगा।

सुमन की पड़ोसन बाहर खड़ी थी।
“अरे भाभी जी आप?” सुमन ने पूछा। पड़ोसन भाभी ने कहा, “जी हाँ, मैं मिठाई लाया था।” मेरी ननद एक बच्चे को जन्म दिया है। ”

“बधाई हो भाभी, रुकिए, मैं बर्तन वापस लाता हूँ। पड़ोसन ने कहा, “उसकी कोई जरूरत नहीं, मैं बाद में ले लूँगी।” मैं अधिक जगहों पर मिठाई देने जाना है। सुमन ने कहा, “ठीक है भाभी जी।” ”

रसोई में मिठाई के साथ सुमन ने दरवाज़ा फिर से बंद किया।
कमल वहाँ खड़ा अपना लंड मसल रहा था, पैंट और चड्ढी घुटनों तक उतारकर।

सुमन ने कमल को देखा, फिर उसके लंड पर देखा।

वह तुरंत अपनी साड़ी और पेटीकोट उठाकर प्लेटफॉर्म पर झुक गई और कमल की तरफ पीछे हो गई, बिना कुछ सोचे।
फिर कमल ने सुमन को चुदाई की।

कमल पूरी तरह से सुमन का साथ दे रहा था।

उन दोनों ने लगातार एक दूसरे से बातचीत की।
दोनों पूरी उत्सुकता से चुदाई कर रहे थे।
चुदाई शुरू हुए दस मिनट से अधिक समय हो गया था।

रसोई में गर्मी के चलते, दोनों पसीने से भर गए।
कमल ने कहा, “चाची, कमरे में चलें।” यहाँ काफी गर्मी है। ”

सुमन ने चाय का गैस बंद करते हुए साड़ी और पेटीकोट पकड़ा।
फिर कमल को पैंट उतारने के संकेत दिए।
उसने दोनों पैंट और चड्डी उतार दीं।

सुमन ने कमल का लंड पकड़ा और कमरे की ओर चली गई।
सुमन का ये अंदाज़ कमल को बहुत पसंद आया।

सुमन के आगे चलते हुए मटकते हुए नितंब उसे बहुत रिझा रहे थे, क्योंकि उसने साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाकर पकड़ रखे थे।

कमरे में पहुँचकर, सुमन ने पंखा शुरू किया और पलंग पर पीठ के बल लेटकर अपनी टाँगें उठाकर कमल को बुला लिया।
कमल ने कहा, “थैंक यू चाची।” “कमल में लंड डालो,” सुमन ने मुस्कुराते हुए कहा।

खड़े-खड़े ही कमल ने एक हाथ से सुमन की टाँग पकड़ी, दूसरे हाथ से सुमन की चूत पर थूक दिया, फिर दूसरा पैर भी थाम लिया।

सुमन ने उसे सवालिया नज़रों से देखा और पूछा, “अंदर क्यों नहीं डाला?” कमल ने कहा, “आप ही पकड़कर डालिए चाची।” ”

सुमन ने हाथ आगे बढ़ाकर चूत पर लंड पकड़ा।
Kamal ने कमर हिलाकर चूत में लंड डालकर चोदना शुरू किया।

धीरे-धीरे कमल अपने लंड को तेज करने लगा।
सुमन ने कहा, “हाँ कमल, आह्ह… ऐसे ही..। “आह…”

अगले आधे घंटे, कमल ने सुमन की चूत चोदी।
बीच-बीच में सुमन की चूत ने पानी छोड़ा।

कमल ने कहा, “चाची, मेरा होने वाला है।” “कमल को अंदर ही निकाल दे,” सुमन ने कहा। ”

कुछ दिनों के बाद:

फोन पर कमल ने कहा, “हैलो चाची।” “हाँ कमल, कहाँ हो?” सुमन ने पूछा। कमल ने कहा, “मैं काम पर हूँ चाची।” ”

कमल, “कब?” “कल रात को,” सुमन ने कहा। ”

कमल ने कहा, “ठीक है, तो मैं अभी आता हूँ। ”

“पूरी बात तो सुन लो, बस चुदाई-चुदाई-चुदाई,” सुमन ने कहा। कमल ने कहा, “सॉरी चाची, बोलिए।” ”

सुमन ने कहा, “मेरे घर पर मेरी माँ अकेली है।” मेरे भाई-भाभी कल भाई की शादी में शामिल होने के लिए उनके ससुराल जा रहे हैं। इसलिए मुझे वहाँ रहने का अनुरोध किया गया है। कमल ने कहा, “ठीक है।” “तो मैं चाहता था कि तुम मेरे साथ मेरे घर जाओ,” सुमन ने कहा। कमल, “क्या बात है चाची..। मैं चाहता हूँ! ”

सुमन ने कहा, “हाँ मेरी जान, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ..। लेकिन इतनी छुट्टी मिलेगी? “हाँ-हाँ, क्यों नहीं..। आराम से..। मैं तैयार हूँ। ”

“ठीक है, तू पैकिंग कर ले,” सुमन ने कहा। आज मैं फोन पर हूँ। ”

अगले दिन सुमन ने बस स्टैंड से कमल को फोन किया, “कहाँ रह गया तू?” कमल ने कहा, “बस आया चाची, पहुँच गया।” वह ट्रैफिक में फंस गया। ”

कमल पांच मिनट में ही स्टेंड पर आ जाता है।
रिक्शे से उतरते ही उसे दोनों चाची-चाचा दिखते हैं।

“आ गया तू,” चाचा ने कहा। कमल ने कहा, “हाँ चाचा।” ”

“बस टाइम पर ही है,” सुमन ने कहा। कमल ने कहा, “ठीक है, चलो चलते हैं।” ”

“ध्यान से जाना और चाची का ख्याल रखना,” चाचा ने कहा। कमल ने कहा, “हाँ चाचा।” ”

कमल आगे बढ़ता है और सुमन के हाथ से सामान लेकर बस की तरफ चलता है।
सुमन अपने पति से कुछ बातें करके बस की ओर बढ़ती है।

बस में जाने से पहले वह पीछे मुड़ती है।
कमल के चाचा गाड़ी शुरू करके चलते हैं।

कमल ने कहा, “थोड़ा रुको, मैं डिक्की में सामान डालकर आता हूँ।” सुमन ने कहा, “अरे, सीट के नीचे नहीं रखेंगे।” कमल ने कहा, “रुको तो सही है।” कमल अपने सामान लेकर वापस आया।

कमल, “चलो अंदर!” कमल पहले आता है, फिर सुमन।

कमल ने पूछा, “चाची, ये सीट अपनी है? “ये तो स्लीपर है, तुम्हारे चाचा ने सिटिंग बुक करवाई थी,” सुमन ने कहा। ”

कमल, “मुझे पता है। मैंने स्लीपर बुक करने के लिए ऊपर से पैसे दिए हैं। सुमन ने पूछा, “क्यों? क्या इसकी आवश्यकता थी? कमल ने कहा, “रात भर का साथ है, मौका कैसे छोड़ दूँ तुम्हें चोदने का?” कमल ने सुमन को धीरे से कहा।

सुमन ने कहा, “अच्छा जी।” कमल ने मुस्कुराया।
कमल ने सुमन को ऊपर चढ़ने में सहारा दिया।

कमल ने सुमन के ऊपर चढ़कर कुछ खाने-पीने का सामान ले आया।
चल पड़ी।

Kamal ने पूरी तरह से स्लीपर बंद कर दिया और सीधा सुमन पर गिर पड़ा।
कमल ने सुमन के होंठों को अपने होंठों में बाँधते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया और सुमन की सलवार का नाड़ा सीधा खोल दिया।

तुरंत सुमन के स्तन ऊपर-नीचे होने लगे।
कमल का लंड सुमन की चूत में था, और उसके होंठ कमल के होंठों में बंधे हुए थे।

दोनों ने एक दूसरे को पूरी तरह सहयोग किया।

इस चुदाई, जो लगभग एक घंटे से अधिक चली, भले ही आवाज़ नहीं निकली, लेकिन पसीने और चरमसुख का पानी बहुत बह गया।
जब कमल थक गया, सुमन उसे निहारने लगी।

दोनों ने सुबह बस से उतरते ही रिक्शा चालकों से घेर लिया।

चाची ने घर के लिए एक रिक्शा बुक किया।
चाची की भाभी ने दस्तक दी।

“आप लोग आ गए,” भाभी ने कहा। “जी भाभी! ”

“रास्ते में कोई परेशानी तो नहीं हुई?” भाभी ने पूछा। सुमन ने कहा, “भाभी, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई।” ”

“आप लोग फ्रेश हो जाओ, मैं चाय तैयार करती हूँ,” भाभी ने कहा। “कमल, तू ऊपर उस कमरे में जा, मैं माँ से मिलने आती हूँ,” सुमन ने कहा। ”

फिर चाची माँ को देखने चली गई।

मैं ऊपर कमरे में पहुँचा और अपने सामान रखकर पलंग पर लेट गया।

धीरे-धीरे चाची की आवाज़ आई।
जब मैं नीचे गया, चाची और उनकी भाभी चाय पी रहे थे।

“आ बैठ, चाय पी ले,” सुमन ने कहा। भाभी ने कहा, “अगर माँ की तबीयत ठीक होती तो मैं उन्हें अपने साथ ले जाती।” तुम दोनों का बहुत बहुत शुक्रिया; मैं अब जा सकता हूँ। ”

सुमन ने कहा, “भाभी, वो मेरी भी माँ हैं।” भाभी ने कहा, “हाँ रे, लेकिन तुम्हारे पास भी घर है और परिवार है।” इतना समय निकालना बहुत आसान नहीं है। ”

चाय पीने लगे।
दोनों बाहर की बातें करती थीं।
भाभी चाय का कप लेकर रसोई में चली गईं।

कमल ने कहा, “चाची, आपने तो कहा था कि यहाँ सिर्फ आपकी माँ है।” “हाँ, भैया-भाभी दोपहर में चले जाएँगे,” सुमन ने कहा। कमल ने कहा, “ओहो, मैंने सोचा कि इनका जाना कैंसिल हो गया और हमारा सारा प्लान असफल हो गया।” ”

सुमन ने कहा, “पागल, कुछ भी सोचता है। दोपहर तक समय बिताया।

चाची ने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा जब उनके भैया-भाभी चले गए।
फिर चाची अपनी माँ से मिली और उनसे कुछ बोलने लगी।
चाची उनके पास बैठी थी जब माँ सो रही थीं।

कमरे के दरवाजे पर कमल आते ही चाची उसे देखकर मुस्कराई।
उसने वहीं अपना पजामा नीचे करके अपना लंड निकालकर मसलने लगा।
चाची ने आश्चर्य से आँखें बड़ी कीं।

उसने अपनी माँ को देखा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर कमल का लंड पकड़ा।

फिर वह मेरे बालों में हाथ डालकर मुझे चूमने लगी, मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर।

थोड़ी देर में चाची और कमल रसोई में पहुंचे।
कमल नीचे से पूरी तरह से नंगा था।

फिर कमल ने चाची को सीधा खड़ा करके उनका गाउन उठाया।
जैसे ही चाची ने गाउन उतारा, वह पूरी तरह से नंगी हो गई; उन्होंने कुछ भी नहीं पहना था।

“चाय गैस पर चढ़ा दूँ?” सुमन ने पूछा। कमल ने कहा, “हाँ, क्यों नहीं।” ”

पलटकर सुमन गैस पर चाय चढ़ाने लगी।

कमल ने हाथ से सुमन की पीठ पर जोर देते हुए उसे आगे झुकाया और पीछे से अपने लंड को उनकी चूत में घुमाया।
वह गहरी साँस लेकर कमल का लंड पूरा ले लिया।

कमल चिल्लाने लगा।
कमल धीरे-धीरे हर झटका लगा रहा था, चाची को हर झटका का पूरा आनंद लेने के लिए।
कमल के इस अंदाज़ से प्रभावित होकर सुमन भी कमल का पूरा साथ देने लगी।

सुमन चाय उबलने के लिए रखकर कमल के होंठों को चूमने लगी।
कमल भी रुक गया और अपनी चाची का पूरा साथ देने लगा।

दृश्य बहुत आकर्षक था— दोनों अपने पैरों पर खड़े थे, कमल का लंड चाची की चूत में. एक हाथ कमर से नीचे था ताकि चाची संतुलित रहती, और दूसरा हाथ उनके बोबे को धीरे-धीरे मसलता था।

सुमन का एक हाथ कमल के हाथ पर था, जो उसके बोबे को मसल रहा था, और दूसरा हाथ कमल की गर्दन के पीछे था, जिससे वह कमल को चूम सकती थी।
यह सब कुछ था।

सुमन और कमल को कोई डर नहीं था क्योंकि सुमन की माँ बीमारी के चलते अपने कमरे से बाहर नहीं आ सकती थी।

दोनों खाते-पीते और सेक्स करते रहते, xxx चाची की गांड में लंड लगे रहते।

दोनों ने कभी नहीं सोचा था कि उनका चुदाई इतना रोमांचक और शानदार हो सकता है कि 2-2, 3-3 घंटे बिना रुके चुदाई कर सकते हैं।

अगले छह दिनों में, सुमन ने सिर्फ गाउन पहना, जब उन्हें अपनी माँ के पास जाना था।

कमल ने बस एक तौलिया अपने पास रखा, अगर उसे माँ जी के कमरे के आगे से गुजरना पड़ा।
दोनों रात भर नंगे रहे।

सुमन ने अपनी माँ के कमरे के अलावा घर के हर कोने में कमल का लंड लिया।
यहाँ तक कि देर रात जब पूरा गाँव सो गया, बालकनी में खड़े रहकर कमल से चूत चुदवाई।

कमल भी बहुत बड़ा ज़िद्दी था।

उसने सुमन को दूसरे दिन दोपहर में मनाकर उसकी गांड भी मार दी थी।

दोनों ने सुख की इच्छा छोड़ दी और अधिक से अधिक एक-दूजे का साथ देकर चुदाई करने लगे।
दोनों को एक साथ निकालने की कोशिश की गई।

सातवें दिन, भैया-भाभी आ गए और दोनों बेवकूफ हो गए।

चाचा भी उधर से चला गया, सुमन और कमल लेने के लिए।

वास्तव में, अगली सुबह वे वापस आने वाले थे, हालांकि उन्हें घर गए काफी समय हो गया था।
यह सिर्फ आज की रात थी।

रात का खाना खाने के बाद भैया-भाभी अपने कमरे में चले गए और सो गए।

कमल ऊपरी कमरे में सो गया, और सुमन अपनी माँ के पास जमीन पर सो गया।
सुमन को फोन पर मैसेज मिला।

कमल ने कहा, “चाची, मैं आज की रात गँवाना नहीं चाहता, आ जाओ न..। “आज तो माँ के पास सोने दे, इतने दिन तुझे मना नहीं किया,” सुमन ने कहा। कमल ने कहा, “आप नहीं आओगे तो मैं आ जाऊँगा।” ”

“क्यों ज़िद करता है, सुमन? घर चले जाओ और जितना चाहो चोद लो..। मैं कुछ नहीं बोलूँगा। कमल ने पूछा, “पर आज रात का क्या? चाचा भी कल सुबह आ जाएगा। “पता है मुझे, थोड़ा धैर्य रख..। मेरा बच्चा अच्छा नहीं है। ”

कमल ने कहा, “मैं अच्छा बच्चा नहीं हूँ।” मैं नहीं जानता..। आप माँ के साथ सोते हैं..। मैं आपके साथ..। मैं आने वाला हूँ। “कमल उठ खड़ा हुआ।”

कमल ने सुमन का मैसेज तक नहीं देखा।

उन्होंने माँ जी के कमरे के बाहर निक्कर और बनियान में चड्डी उतारी।
वह चुपचाप आगे बढ़ा।
उसे मालूम हुआ कि चाची कहाँ सो रही है।

और जब चाची का बिस्तर उसके पैरों में पड़ गया, तो उसका व्यवहार सही निकला।
सुमन ने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया जब उसने हाथ बढ़ाकर देखना चाहा कि चाची है या नहीं।
चाची ने माँ की ओर देखा।

उनके पीछे कमल लेट गया।
सुमन अपने आप को शांत करने की कोशिश करती रही।
सुमन का गाउन कमर तक उठा कर कमल ने अपना निक्कर घुटनों तक किया।

सुमन ने बिना किसी शर्त के पूरा सहयोग दिया।
कमल अब नहीं रुकेगा, यह उसे पता था।
उसे कमरे में ही रुकना चाहिए था।

कमल ने सुमन के पैर फैलाते हुए अपनी गांड में उतार दिया, हाथ में थोड़ा सा थूक लेकर अपने लंड के टोपे पर लगाया।
कमल चुपचाप गांड मारने का आनंद लेने लगा।
तसल्ली से सुमन लंबी-लंबी साँसें लेती रही और लंड देती रही।

दोनों थोड़ी देर में गर्म हो गए।
कमल उठ खड़ा हुआ।
उसने सुमन का हाथ पकड़ा और उसे कमरे से बाहर निकाला।

बाहर आते ही उसने सुमन को दीवार पर रखा।
सुमन बस कमल का साथ देती गई।

फिर कमल ने सुमन की एक टाँग और गाउन उठाया, जो वापस नीचे गिर गया था।

कमल के गले में हाथ डालकर सुमन ने अपना पैर पूरा उठा लिया।
पैर उठाते ही कमल ने आगे से सुमन की चूत में चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद दोनों ने पैर नीचे करके चुदाई की।

कमल ने सुमन को थोड़ी देर और इसी तरह चोदा।

सुमन दरवाजे की ओर देख रही थी, जहाँ से उसे अपनी माँ धुँधली-सी सोई हुई दिखाई देती थी।

अब दोनों कमरे में देख रहे थे, जब कमल पीछे से सुमन में लंड डाला।

इस बार कमल ने थोड़ा जोर लगाया और आगे बढ़ गया।
जिससे सुमन का मज़ा और दर्द दोनों बढ़ा।
उसे अपनी आवाज़ रोकना लगातार मुश्किल हो रहा था।

30 से 35 झटकों के बाद, कमल ने सुमन की चूत में अपना पानी भर दिया।

थोड़ी देर सुमन के ऊपर रहने के बाद वह उठा और सुमन के सामने अपना लंड रख दिया।
सुमन ने घुटनों पर आकर कमल का लंड चूस-चाटकर साफ कर दिया।

कमल ने अपनी निक्कर उठाकर अपने कमरे में चला गया।
वह भी उठी, रसोई में गई, पानी पीकर वापस माँ के पास सो गई।

प्रिय पाठको, इस Hot Chachi Ki Chut Chudai Kahani पर अपनी राय मुझे मेल में बताएं.

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