Sexy Maid Sex Kahani में हर दिन एक कामवाली युवा लड़की मेरी गली में आती थी। मैंने उसके सेक्सी शरीर को देखा और उसे काम पर रख दिया। उसकी चूत प्यासी थी और मैं भी प्यासा था!
सभी काम प्रेमियों को विहान राजपूत की प्यार भरी राम राम! दोस्तो, आज मैं आपके सामने करीब दो साल पहले हुई एक सच्ची चुदाई घटना बताना चाहता हूँ। जिस लड़की की मैंने चुदाई करी उसका नाम पिंकी था।
उसकी आयु लगभग 20 साल होगी। हर दिन मेरी गली से निकल जाती थी। वह झाड़ू पोछे का काम करती थी। वह पक्के रंग की, छरहरी काया की स्वामिनी थी।
मैं उससे बात करने की कई बार कोशिश करता था, लेकिन वह बहुत संकोच करती थी।
लेकिन एक दिन मैंने साहस करके उसे गली से निकलते हुए टोक दिया।
उसने बहुत प्यार से पूछा: क्या कह रहे हो?
तो मैंने कहा कि मुझे अपने कार्यालय में झाड़ू पोछे के लिए किसी की जरूरत है। तुम काम कर सकते हो?
उसने तुरंत कहा कि वह काम करेगी, लेकिन सबसे आखिर में घर जाते हुए काम करने का समय रखना होगा।
मैंने उसको तुरंत हां कर दी और अगले दिन से वह काम पर आने लगी क्योंकि उसके घर जाने का समय लगभग 11 बजे था।
वह अगले दिन से काम पर आने लगी जब मैंने उसको तुरंत हां कर दी। शुरू-शुरू में, जब मैंने उसे काम करते देखा, तो मैंने उसके रसभरे स्तनों पर ध्यान दिया, जो मुझे बहुत पसंद आते थे।
उसने मुझसे एक दिन ऐसे ही काम करते हुए पूछा: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने कहा, “नहीं तो, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है”, जब उसका एकदम ऐसा सवाल मेरे कान खड़े कर दिया।
उसने कहा कि शायद आप मुझसे छिपा रहे हैं। तुम इतने सुंदर और बुद्धिमान हो कि कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो सकती।
फिर मैंने पूछा कि क्या आपका कोई प्रेमी नहीं है।
नहीं, मेरा कोई प्रेमी नहीं है, उसने कहा।
मैंने इसके जवाब पर तुरंत कहा कि यह बहुत अच्छा है। तुम्हारा भी कोई प्रेमी नहीं है और मेरा भी नहीं है, तो फिर क्यों न हम दोनों ही प्रेमी बन जायें? मैंने कहा कि वह शरमाने लगी और कहा कि नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं आपके साथ कहीं भी नहीं कर सकती ।
मैंने पूछा कि मैच करने वाली क्या बात है? मैं ऐसा कभी नहीं सोचता। किसी का दिल भी आ सकता है। मैच क्या करना ? लेकिन क्या तुम मुझे पसंद करते हो?
वो बोली- हां …
इतना कहकर वो फिर से शरमाने लगी.
उसके इस जवाब पर मैं भी मुस्करा दिया.
उस दिन हमारी कुछ खास बातचीत नहीं हुई, लेकिन हम बात करने लगे। मैं भी उसकी तरफ कामुक नजरों से देखता रहता था जब वह झाड़ू लगाते हुए मुझे देखकर मुस्कराती रहती थी। मैं उसकी चुदाई के बारे में सोच रहा था, चाहे वह क्या सोच रहा था।
काम खत्म करने के बाद एक दिन मैंने उससे मुलाकात की।
दोस्तो, वह काम खत्म करके चली गई तो बिल्कुल सामान्य दिख रही थी, लेकिन जब वह मेरे फोन पर आई, तो मैं बस उसको देखता रहा। मैं अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि यह पिंकी है या नहीं।
उसने एक सुंदर गुलाबी टॉप और काली पजामी पहनी हुई थी। गले में सफेद चुन्नी डालकर आई थी और बाल खोल लिये थे। हल्का मेक-अप भी था, लेकिन बहुत नहीं। कुल मिलाकर, अगर कोई उसको देखता है तो उसको चोदने को तैयार हो जाओ।
किसी को देखने-देखने का कोई सवाल नहीं था क्योंकि वह मेरे शहर में नहीं रहती थी।
उसने आकर मुझे एक रेस्तरां में ले गया। वहाँ केबिन बनाए गए थे। हम दोनों एक केबिन में बैठे थे। वह सिहर गई जब मैंने खाना मंगवाया और उसकी जांघ पर हाथ रखा।
मैंने पूछा- क्या हुआ? तुम इतना शरमा क्यूं रही हो? अब तो हम दोनों बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बन गये हैं।
मेरे लौड़े ने मेरी बात का जवाब दिया, लेकिन वह नहीं। मेरी पैंट में तनकर मेरा लंड सलामी दे रहा था। उस जवान लड़की की नरम जांघों पर हाथ रखते हुए मेरे लंड से भी लार निकलने लगी। लंड उछल-उछल कर कह रहा था कि इसे यहीं चोद दो।
मैंने पूछा कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
उसने शर्म से नजर नीचे झुका दी और मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया।
मैं फिर से पूछने की जहमत नहीं उठाई। उसकी शर्म और खामोशी ने मेरे प्रश्न का जवाब दिया।
उसकी आंखें बंद हो गईं जब मैंने थोड़ा बाहर झांककर देखा और उसके गालों को पकड़कर उसके होंठों पर होंठ रख दिया।
मेरा हाथ उसकी जांघ पर फिरता हुआ और उसकी चूत को टटोलता हुआ उसकी पजामी में घुस गया, जब मैं उसकी होंठों को चूसने से रहा नहीं गया। पैंटी अंदर थी। पेंटी की दीवार टूट गई और उसके हाथ ने गीली छूत को छू लिया। उसकी चूत चिकनी और गर्म लगी। अब मैं नियंत्रण खो चुका हूँ।
मैंने उसके होंठों को हटाकर अपने एक दोस्त को फोन किया। पास में ही रहता था।
उसने मेरी इच्छा को तुरंत समझा और कमरे की चाबी देने के लिए हां कर दी क्योंकि वह ऑफिस में था। मैं स्वीटी को उसके कार्यालय में ले गया और चाबी ले आया।
मैंने दोस्त के कमरे पर ले जाकर दरवाजा बंद कर दिया और स्वीटी को अपनी बांहों में भरकर चूसने लगा। उसकी गोल मटोल गांड सीधे मेरे हाथों में आई। मैंने उसकी चूतड़ों को मसलना शुरू किया, उसके होंठों को जोर से चूसते हुए।
वह भी पहले से ही अपनी चूत चुदाई के सपने देख रही थी, इसलिए कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।
मैंने उसे नीचे उतारा। उसने काली ब्रा पहनी हुई थी। उसके गोरे रंग की काली ब्रा ने उसके चूचों को ऐसे फिट रखा था जैसे ब्रा सिर्फ उसके चूचों के लिए बनाई गई हो। मैंने उसको घुमाकर उसकी ब्रा के हुक को खोला। मैंन ने ब्रा के सारे हुक खोले और उसके कमर से बाल निकाले।
फिर उसको फिर से आगे की तरफ घुमाया, तो उसके भूरे निप्पल वाले गोल-गोल चूचे मेरी आंखों के सामने नंगे हो गए। तुरंत मैंने उसके चूचों को अपने हाथों में लेकर जोर से दबाने लगा।
उसके होंठ खुल गये और मुंह से सिसकारी निकल गई- आह्ह … आराम से करो।
लेकिन मैं आराम कहां था? बहुत दिनों बाद ऐसा सामान हाथ लगा। उस कामवाली जवान लड़की के चूचों को मैंने दबाना-चूसना किया। कुछ ही देर में, मेरे लंड पर उसका हाथ फिरने लगा। मुझे लगा कि युवा लड़की की चूत अब चुदने के लिए तैयार हो चुकी है।
वह मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी, मैंने अपने कपड़े निकालने लगे।
पहले पैंट और फिर शर्ट निकालें। मैंने अपना अंडरवियर निकालकर एक तरफ फेंक दिया और उसके सामने मेरा लंड फनफनाने लगा। मैंने स्वीटी का हाथ पकड़कर उसके लंड पर रख दिया।
जब वह मेरे गर्म लंड पर अपना नरम हाथ लगा, तो उसके मुंह से एक आह निकल गई। मेरे लंड से उसकी प्यास निकल गई।
स्वीटी ने मेरा लंड आगे पीछे चलाना शुरू किया। उसकी पजामी के ऊपर से ही मैंने उसके चूतड़ों को मसलना और दबाना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड पर हाथ चला रही थी, जबकि मैं उसके गोल और नरम चूतड़ों पर हाथ चलाता था। फिर मैंने उसकी पजामी निकाल दी। उसने महरून रंग की पैंटी पहनी हुई थी।
उसकी पैंटी के ऊपर से ही मैंने उसकी चूत को चूसने लगा। मेरे सिर पर उसके हाथ आकर मेरे बाल सहलाने लगे।
उसकी पैंटी के गीलेपन से मेरे नाक में एक अजीब सी गंध आ रही थी। उसके रस की गंध बहुत सुखदायक थी। उसकी चूत को अपने मुंह में भरने की कोशिश करते हुए मैंने उसकी पैंटी को जोर से चूस लिया। लेकिन चूत अंदर की तरफ थी, इसलिए मुंह में नहीं आ रही थी।
मैंने ऊपर से ही उसकी चूत को कुछ देर चाटने के बाद उसकी पैंटी निकाल दी। उसकी सांवली चूत मेरी आंखों के सामने नंगी हो गई जब मैंने उसकी पैंटी निकाली। उसने पूरी तरह से अपनी चूत को साफ किया था। मैंने उसकी चिकनी चूत में जीभ डालने का विचार किया, लेकिन फिर रुक गया और उसको वहीं बेड पर रखा।
उसे बेड पर लिटाकर मैंने उसकी टांगों को चौड़ा कर दिया। वह बेड से नीचे लटक रही थी, और उसका धड़ ऊपर था। इस पोजीशन में उसकी चूत आगे की तरफ थी। जब मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला, तो मैंने देखा कि अंदर से उसकी चूत लाल हो रही थी। बाहर सांवली चूत, अंदर लाल होने के कारण आलूबुखारे का माफिक लग रहा था। लेकिन उतनी ही सुंदर। मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाली।
मेरी जीभ पिंकी की चूत में घुसते ही बेड की चादर को नोचना शुरू कर दी। उसकी चूत पहले से ही बिगड़ गई थी।
वह मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर से चूसने लगी जब वह मेरे बेड पर लेट गई। आह्हह… लगता है मैं स्वर्ग में आ गया। वह मेरे गर्म लंड को जोर से अपने मुंह में लेकर जीभ चलाने लगी। जिससे मैं पागल होने लगा। ऐसा लगता था कि बेचारी को कई वर्षों से लंड नहीं मिला था।
वह तेजी से मेरा वीर्य चूस रही थी। उसकी चुसाई इतनी तेज थी कि मेरा माल उसके मुंह में ही निकल जाना था अगर मैं उसे दो मिनट और नहीं हटाता। मैंने स्वीटी को पीछे कर दिया। वो समझ गई कि मेरा वीर्य निकल सकता है. उसकी सांसें जोर से चल रही थीं और मेरा लहू भी जैसे पूरे उबाल पर था.
मैंने फिर से उसी स्थिति में उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने ध्यान से देखा कि उसकी चूत का दाना भी अभी पूरी तरह से नहीं उभर पाया था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा। उम्म्ह… अहह… हय… ओह…’ धीरे-धीरे उसने कहा।
उसकी चूत पर लंड रगड़ते हुए उसके चेहरे के भावों को देखकर मैं एक मिनट तक मजे लेता रहा। उससे रहा नहीं गया, तो वह मेरी गांड को आंखें बंद करके अपनी तरफ खींचने लगी। मैंने पाया कि ये अब चुदाई करने के लिए बेसब्र हो चुकी हैं। लेकिन मेरी हालत उससे भी बदतर थी।
पिंकी की प्यास बुझाना अब जरूरी था, हालांकि मैं उसके गोल-गोल चूचों को देखकर उनके हिलने का आनंद लेना चाह रहा था। मैंने अपने उस्ताद को उसकी चूत पर रखा और थोड़ा धक्का देते हुए उसके ऊपर लेट गया।
मेरा लिंग गच्च में घुस गया। क्योंकि लंड को अंदर जाने में कोई समस्या नहीं हुई, पिंकी शायद पहले भी चुद चुकी थी। फिर मैंने दूसरा धक्का मारा और उसकी चूत से अपने टट्टों तक चिपका दिया। उसने मेरी कमर को नोंचना शुरू किया।
मुझे प्यार करने लगी और मेरी गर्दन चूमने लगी। मेरी अनुमति के बिना ही मेरे उस्ताद ने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। लंड चूत से मिल गया था, इसलिए अब अनुमति की क्या आवश्यकता थी? हम दोनों सेक्स करने लगे, मेरी गांड उसकी चूत पर चलने लगी। मैं उसके चूचों को मुंह में भरने लगा।
उसकी चूत धीरे-धीरे मेरे लंड के धक्कों का जवाब देने लगी। उसकी चूत की फांकों से रगड़ खाते हुए मेरे उस्ताद को अनंत खुशी मिलने लगी। मैंने तेजी से उसकी चूत में अपने धक्के देने शुरू कर दिये.
वह मेरे लंड से निचोड़ने में जितना मजा ले रही थी, उतना ही मजा उसकी चूत को चोदने में ले रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सा नशा छाने लगा। मैं भी हांफने लगा और दोनों के शरीर पसीने से ढक गए। इधर, लंड महाराज चूत में गचके लगाते हुए पच-पच का स्वर सुन रहे थे।
मैंने लगभग पंद्रह मिनट तक उसकी चूत को चोदा, फिर जब मुझे नियंत्रण करना मुश्किल हो गया, तो मेरा लंड भी मेरे साथ छोड़ दिया। मैं अकड़ने लगा। मैंने दो धक्के पूरे जोश में लगाये और पचर-पचर करते हुए लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में गिरने लगी.
शायद वह भी झड़ चुकी थी क्योंकि चुदाई के दौरान उसके चेहरे पर जो उत्साह था, वह थोड़ा कम हो गया था। स्वीटी के नंगे चूचों पर मैं कुछ देर पड़ा रहा। मेरी कमर को वह सहलाती रही। फिर मैं उठ गया जब लंड उसकी चूत से सिकुड़ निकालने लगा। मैंने उसकी चूत से पानी बहते देखा। यह शायद हम दोनों का वीर्य था।
फिर हम उठकर कपड़े पहनने लगे। अपने आप को थोड़ा सामान्य बनाया। पानी वगैरह पीकर वहां से कमरे को बंद करके वापस आ गए। उस युवा लड़की की चूत को चोदना बहुत अच्छा लगा।
उसके बाद मैं मौका सधे उसकी चूचियां और गांड दबा देता था। उसकी चूत कई बार मारी। फिर बोरियत होने लगी तो उसने अपनी एक सहेली से कहा। अगली सेक्स कहानी में मैं आपको कामवाली की सहेली की चूत चुदाई की कहानी बताऊंगा।
Sexy Maid Sex Kahani आपको कैसी लगी हमें जरूर मेल करें।
जल्दी ही अगली कहानी के साथ लौटूंगा. धन्यवाद दोस्तो!